यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बृहस्पतिवार को कहा कि अगर हमें भ्रष्टाचार पर सचमुच प्रहार करना है तो ‘डिजिटल लेनदेन’ की तरफ बढ़ना ही होगा। केंद्रीय ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री गिरिराज सिंह के साथ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ग्राम पंचायत स्तर पर डिजिटल लेनदेन के प्रोत्साहन के लिए समर्थ 2023 की शुरुआत के बाद बीसी सखी (बैंकिंग करेस्पांडेंट सखी) के दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन के उद्घाटन समारोह को संबोधित किया। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने कहा, अगर हमें भ्रष्टाचार पर सचमुच प्रहार करना है तो डिजिटल लेनदेन की तरफ बढ़ना ही होगा। तकनीक का उपयोग करना ही होगा। योगी ने कहा कि तकनीक के उपयोग से भ्रष्टाचार पर प्रहार होगा और इसके साथ ही गरीबों को भी सुविधाएं मिलेंगी।
आंकड़ों का हवाला देते हुए योगी ने कहा कि मुझे प्रसन्नता है कि आज उप्र में 56 हजार ग्राम पंचायतें हैं और 55 हजार में बीसी सखी के चयन की प्रक्रिया पहले ही पूरी की जा चुकी है। ये बीसी सखी ना केवल महिला सशक्तिकरण की सशक्त उदाहरण हैं, बल्कि हर गांव में बैंक की मिनी शाखा बनकर लेनदेन कर रही हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि उप्र में बीसी सखी ने 13 हजार सात सौ करोड़ रुपये का लेनदेन किया है। मुख्यमंत्री ने उप्र को असीमित संभावनाओं वाला प्रदेश बताते हुए कहा कि अब तो हर ग्राम पंचायत में ग्राम सचिवालय के निर्माण को अंतिम स्तर तक पहुंचा दिया है और वहां कंप्यूटर ऑपरेटर की नियुक्ति पहले ही की जा चुकी है। उन्होंने कहा कि ग्राम सचिवालयों में बीसी सखी के बैठने की भी व्यवस्था होगी।
केंद्रीय ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा कि भारत में डिजिटल क्रांति इसलिए हुई क्योंकि भारत में एक सशक्त और स्थिर प्रधानमंत्री हैं। उप्र के ग्रामीण विकास मंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि जब से बैंक सखी के रूप में महिलाओं ने कार्य शुरू किया है, तब से महिलाओं का बहुत सम्मान बढ़ा है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री के मार्गदर्शन में महिला सशक्तिकरण की दिशा में उप्र ने नंबर एक का स्थान हासिल किया है, महिलाएं विश्वास का प्रतीक बन गयी हैं। ग्रामीण विकास राज्य मंत्री निरंजन ज्योति ने कहा कि महिलाएं जो काम अपने हाथ में लेती हैं, उसे अंजाम तक पहुंचाती हैं।