यूपी में आजमगढ़ और रामपुर संसदीय सीटों पर उपचुनाव के लिए बृहस्पतिवार को शांतिपूर्ण ढंग से मतदान प्रारंभ हुआ। मुख्य निर्वाचन अधिकारी के कार्यालय ने यहां बताया कि मतदान सुबह सात बजे प्रारंभ हुआ और शाम छह बजे तक जारी रहेगा। समाजवादी पार्टी (सपा) का गढ़ समझी जाने वाली आजमगढ़ और रामपुर संसदीय सीटों से चुनाव लड़ रहे 19 उम्मीदवारों की चुनावी किस्मत का फैसला 35 लाख से अधिक मतदाता करेंगे। समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव द्वारा आजमगढ़ सीट से त्यागपत्र देने और रामपुर सीट से वरिष्ठ सपा नेता आजम खान के त्यागपत्र देने से इन दोनों सीटों पर चुनाव आवश्यक हो गया था। अखिलेश यादव और आजम खान इस साल की शुरुआत में हुए विधानसभा चुनावों में विधायक चुने गए।
चुनाव आयोग के मुताबिक, इन सीटों पर चुनाव पर नजर रखने के लिए कई पर्यवेक्षक नियुक्त किए गए हैं। इसके अलावा 291 सेक्टर मजिस्ट्रेट, 40 जोनल मजिस्ट्रेट और 433 सूक्ष्म पर्यवेक्षकों की ड्यूटी लगाई गई है। आयोग के मुताबिक, सुरक्षित और शांतिपूर्ण चुनाव संपन्न कराने के लिए पर्याप्त संख्या में केंद्रीय और राज्य के बल तैनात किए गए हैं। ईवीएम और स्ट्रांगरूम की सुरक्षा का जिम्मा केंद्रीय बलों को दिया गया है। अधिकारियों के मुताबिक, आजमगढ़ से 13 उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं जहां 18.38 लाख मतदाता हैं। वहीं छह उम्मीदवार रामपुर से चुनाव लड़ रहे हैं जहां 17.06 लाख मतदाता हैं।
रामपुर से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने घनश्याम सिंह लोधी को मैदान में उतारा है जो हाल ही में भाजपा में शामिल हुए हैं, जबकि सपा ने असीम रजा को मैदान में उतारा है। मायावती की अगुवाई वाली बसपा रामपुर से चुनाव नहीं लड़ रही है। आजमगढ़ से त्रिकोणीय मुकाबला देखने को मिल रहा है जहां से भाजपा ने लोकप्रिय भोजपुरी गायक और अभिनेता दिनेश लाल यादव उर्फ निरहुआ को मैदान में उतारा है। वहीं सपा से धर्मेंद्र यादव और बसपा से शाह आलम उर्फ गुड्डू जमाली मैदान में हैं। हाल के विधानसभा चुनाव में आजमगढ़ की सभी चार विधानसभा सीटों- मुबारकपुर, सागदी, गोपालपुर और मेहनगर पर सपा ने जीत हासिल की थी। 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान सपा ने बसपा के गठबंधन में चुनाव लड़ा था और अखिलेश यादव इस सीट पर चुनाव जीते थे। उस चुनाव में अखिलेश यादव को 6.21 लाख मत मिले थे, जबकि भाजपा के दिनेश लाल यादव उर्फ निरहुआ को 3.61 लाख मत मिले थे।