समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष अखिलेश यादव सोमवार शाम बुंदेलखंड एक्सप्रेस पहुंच गये और बारीकी से अवलोकन करने के बाद निर्माण कार्य की गुणवत्ता पर सवाल उठाया। कन्नौज भ्रमण के बाद अपने पैतृक गांव सैफई आते समय एकाएक अखिलेश यादव बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे का अवलोकन करने पहुंच गए। आगरा लखनऊ एक्सप्रेसवे और बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे के जुड़ाव केंद्र कुदरैल से किलोमीटर 295 पर चढ़े 291 किलोमीटर तक एक्सप्रेस वे को देखा। पत्रकारों से बातचीत में यादव ने कहा कि बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे को आनन फानन में बना करके उद्घाटन करा दिया गया है लेकिन हकीकत में इसकी गुणवत्ता बहुत ही खराब है। अधिकारियों ने निर्माण की गुणवत्ता को लेकर के कतई ध्यान नहीं दिया है और इसी वजह से जगह-जगह बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे लगातार क्षतग्रिस्त होता चला जा रहा है।
राज्य सरकार को चाहिए कि आधिकारिक स्तर पर इसकी उच्च स्तरीय जांच कराई जाए कि आखिरकार उद्घाटन के बाद लगातार बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे कैसे क्षतग्रिस्त हो रहा है और लोग हादसे के शिकार होते चले जा रहे हैं। उन्होने इस बात पर भी सवाल उठाया कि जब आगरा लखनऊ एक्सप्रेसवे और बुंदेलखंड एक्सप्रेस की व्यवस्था यूपीडा कंपनी देख रही है तो फिर आखिरकार इस मार्ग से गुजरने वालों से टोल चार्ज क्यों लिया जा रहा है। पहली ही बारिश में हुए गड्ढों वाले स्थानों पर मजदूरों, यूपीड़ा के अधिकारियों से भी अखिलेश ने बातचीत की। अखिलेश करीब चार किलोमीटर तक एक्सप्रेस वे को देखा।
अखिलेश ने कहा एक्सप्रेस वे जो बनी थी इसलिए बनी थी कि किसानों की पैदावार की कीमत मिले मंडी से अगर एक्सप्रेस वे के किनारे मंडी नही होगी या कारखाना उद्योग नही लगेगा तो इनके पैदावार की कीमत नही मिलेगी। न नौकरी न रोजगार मिलेगा। उन्होने कहा आगरा लखनऊ एक्सप्रेस वे जब मैने बनवाया तो एक बात मै हमेशा कहता था। अमेरिका ने सड़कें बनाई और सड़कों ने अमेरिका बनाया। इन सड़कों के किनारे विकास हो सकेगा लेकिन इस बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे पर लूट नही सरासर डकैती हुई है। उन्होने कहा कि बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे की क्वालिटी बहुत ही खराब है अभी निर्माण बहुत अधिक अधूरा है और गुणवत्ता इतनी खराब है कि लगातार जगह वे जगह बुंदेलखंड एक्सप्रेस में ध्वस्त होता हुआ चला जा रहा है। एक्सप्रेस वे का बेशक शुभारंभ कर दिया गया हो लेकिन इस इलाके से जुड़े हुए किसानों के लिए ना तो मंडिया बनाई गई है और ना ही कोई व्यवसायिक गतिविधि शुरू की गई है इससे भी इस इलाके के किसान बेहद मायूस बने हुए हैं।