दिल्ली के स्कूलों में फिर लौटी रौनक, सोमवार से शुरू हुईं नर्सरी से आठवीं तक की कक्षाएं

0
462

नई दिल्ली। राष्ट्रीय राजधानी में कोविड-19 महामारी के कारण लंबे समय तक बंद रहने के बाद स्कूलों ने सोमवार को प्राथमिक और जूनियर कक्षाओं के छात्रों का स्वागत किया। कोरोना वायरस संबंधी पाबंदियों में ढील दिए जाने पर सात फरवरी को नौवीं से 12 कक्षाओं के लिए स्कूल फिर से खुल गए थे जबकि नर्सरी से आठवीं कक्षाओं के लिए स्कूलों को सोमवार से खोल दिया गया है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट किया, ‘दिल्ली में आज से छोटी कक्षाओं के लिए भी स्कूल खुल गए हैं। छोटे बच्चों को भी अपने स्कूल खुलने का बेसब्री से इंतजार था। बिना स्कूल के बचपन अधूरा रहता है। ईश्वर न करें कि अब फिर से कभी स्कूलों को बंद करना पड़े।

शांति नगर के एसडीएमसी स्कूल में पांचवीं कक्षा के छात्र आर्यन ने कहा, मैं स्कूलों के फिर से खुलने से खुश हूं, हम अपने दोस्तों से मिलेंगे। हमें मास्क पहनने और सैनिटाइजर लाने के लिए कहा गया है। मैं उत्साहित हूं लेकिन मुझे स्कूल पहुंचने के लिए सुबह करीब साढ़े छह बजे उठना पड़ता है। बस, यही खराब बात है। एक अन्य छात्र पीयूष ने कहा, मैं खुश हूं कि मैं कक्षा में बैठूंगा, न कि घर में। अच्छा लग रहा है। उम्मीद है कि स्कूल फिर से बंद न हो। कई अभिभावक अपने बच्चों को छोड़ने के लिए स्कूल आए। दो बच्चों की मां रीना ने कहा, जब कोविड-19 महामारी फैली तो मेरा बच्चा दूसरी कक्षा में था और अब वह पांचवीं कक्षा में है। कोविड से पढ़ाई पर असर पड़ा है। अच्छा है कि स्कूल फिर से खुल रहे हैं, मैं उम्मीद करती हूं कि छात्र सुरक्षित रहें और अच्छी तरह से पढ़ाई करें।

रीना के छोटे बेटे का भी केजी कक्षा में स्कूल में दाखिला हो गया है। रीना ने कहा, मैं खुश हूं। उसे स्कूल जाकर पढ़ने का मौका मिल रहा है न कि ऑनलाइन। शहर में स्कूल पिछले साल थोड़े समय के लिए खुले थे लेकिन कोरोना वायरस के ओमीक्रोन स्वरूप के कारण आयी, कोविड महामारी की तीसरी लहर के मद्देनजर गत 28 दिसंबर को फिर से स्कूल बंद करने पड़े। केंद्र ने अपने दिशा निर्देशों से ऑफलाइन कक्षाएं लेने के लिए अनिवार्य रूप से अभिभावक से स्वीकृति लेने के नियम को हटा दिया जबकि दिल्ली सरकार ने इसे जारी रखने का फैसला किया है।

बहरहाल, स्कूल यह फैसला कर सकते हैं कि वे कोविड प्रोटोकॉल को ध्यान में रखते हुए कितने छात्रों को कक्षाओं में बैठाना चाहते हैं। तीसरी कक्षा की शिक्षिका पूनम यादव ने कहा, सभी छात्र बहुत उत्साहित हैं। हम भी बहुत उत्साहित हैं क्योंकि अब तकरीबन दो साल बीत गए हैं लेकिन स्कूल न आने के कारण बच्चों को मूल बातों का भी सही से ज्ञान नहीं है। कई छात्र अपने गृह नगर से ही कक्षाएं लेते रहे हैं और उनमें से कई अभी लौटे नहीं हैं। हम उनसे संपर्क कर रहे हैं।

Previous articleयूपी में बड़ा हादसा: बरेली में मतदानकर्मी समेत तीन की मौत
Next articleपरिवारवादियों का बस चलता तो यूपी के हर मोहल्ले में माफियागंज बना देते : मोदी

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here