यूपी विधान भवन स्थित तिलक हॉल में सोमवार को सुबह राष्ट्रपति पद के चुनाव के लिए मतदान शुरू हो गया। उत्तर प्रदेश में राष्ट्रपति पद के चुनाव के लिए निर्वाचन अधिकारी बृज भूषण दुबे ने बताया, राष्ट्रपति चुनाव के लिए मतदान शुरू हो गया है जो शाम पांच बजे तक चलेगा। राष्ट्रपति चुनाव के लिए जारी निर्देशों की जानकारी देते हुए दुबे ने बताया कि सभी विधायकों को सूचित कर दिया गया है और बताया गया है कि उन्हें क्या सावधानी बरतनी है। विधायकों को अपनी पसंद के उम्मीदवार को वोट देने के लिए चुनाव आयोग के विशेष पेन का इस्तेमाल करना होगा। चुनाव के लिए तीन मतदान केंद्र बनाए गए हैं।
उन्होंने कहा कि दिल्ली से आई दो मतपेटियों को आज, 18 जुलाई को ही मतदान पूरा होने के बाद वापस राष्ट्रीय राजधानी भेज दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि मतगणना 21 जुलाई को दिल्ली में होगी। राष्ट्रपति चुनाव में उत्तर प्रदेश 403 विधायकों में से प्रत्येक के लिए 208 के उच्चतम वोट मूल्य के साथ एक महत्वपूर्ण राज्य होगा, जिसमें राजग उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू का मुकाबला विपक्षी उम्मीदवार यशवंत सिन्हा से होगा। दुबे ने पहले बताया था कि राज्य के पांच विधायक व्यक्तिगत कारणों से राज्य के बाहर अपना वोट डालेंगे। इनमें से चार दिल्ली में मतदान करेंगे जबकि एक तिरुवनंतपुरम में मतदान करेंगे।
उन्होंने बताया कि अब तक पांच विधायकों ने सूचित किया है कि वे उत्तर प्रदेश के बाहर अपना वोट डालेंगे। ये क्रमश: मुकेश चौधरी (सहारनपुर जिले की नकुड़ सीट से भाजपा विधायक) जियाउर्रहमान (मुरादाबाद के कुंदरकी से सपा विधायक), प्रदीप कुमार सिंह (हाथरस के सादाबाद से राष्ट्रीय लोकदल के विधायक) बृजभूषण राजपूत (महोबा के चरखारी से भाजपा विधायक) और नील रतन पटेल (वाराणसी में सेवापुरी से भाजपा विधायक) शामिल हैं।
दुबे ने बताया कि नील रतन पटेल तिरुअनंतपुरम में अपना वोट डालेंगे जबकि बाकी चार दिल्ली में अपना वोट देंगे। चुनाव आयोग के मुताबिक, इस बार एक सांसद के वोट का मूल्य 700 है। अलग-अलग राज्यों में हर विधायक के वोट की कीमत अलग-अलग होती है। उत्तर प्रदेश में, प्रत्येक विधायक के वोट का मूल्य 208 है, इसके बाद झारखंड और तमिलनाडु में यह मूल्य 176 है। महाराष्ट्र में, यह 175 है। सिक्किम में प्रति विधायक वोट का मूल्य सात है जबकि नागालैंड में यह नौ और मिजोरम में आठ है। आयोग के सूत्रों ने बताया कि आनुपातिक प्रतिनिधित्व प्रणाली के माध्यम से राष्ट्रपति का चुनाव करने वाले निर्वाचक मंडल में निर्वाचित सांसद और राज्य विधानसभाओं के सदस्य शामिल होते हैं। मनोनीत सांसद, विधायक और विधान परिषद के सदस्य इस चुनाव में मतदान करने के हकदार नहीं हैं। उन्होंने बताया कि संसद के निर्वाचित सदस्यों और राज्य विधानसभाओं के सदस्यों को 18 जुलाई को अलग-अलग रंगों के मतपत्र मिलेंगे, जब वे भारत के अगले राष्ट्रपति का चुनाव करने के लिए मतदान करेंगे। सांसदों को जहां हरे रंग के मतपत्र मिलेंगे, वहीं विधायकों को गुलाबी रंग में मतपत्र दिये जाएंगे।
प्रमुख राजनीतिक दलों ने पहले ही संबंधित उम्मीदवारों के लिए अपने समर्थन की घोषणा कर दी है। विपक्षी खेमे में समाजवादी पार्टी के सहयोगी ओम प्रकाश राजभर की सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी ने राष्ट्रपति चुनाव में राजग उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू को समर्थन देने का ऐलान किया है। प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) के अध्यक्ष और जसवंत नगर के सपा विधायक शिवपाल सिंह यादव भी राजग उम्मीदवार को वोट देने की घोषणा कर चुके हैं। उत्तर प्रदेश के 403 सदस्यों वाली विधानसभा में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी और उसके सहयोगी अपना दल (एस) और निर्बल इंडियन शोषित हमारा आम दल (निषाद) के विधायकों की कुल संख्या 273 है। राज्य के मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी के सदस्यों की संख्या 111 और उसकी सहयोगी सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) के छह तथा राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) के आठ सदस्य हैं। इसके अलावा कांग्रेस के दो, जनसत्ता दल लोकतांत्रिक के दो और बहुजन समाज पार्टी के एक विधायक हैं।