प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष अखिलेश यादव पर तंज करते हुए कहा कि घोर परिवारवादियों ने वोट बैंक के लिए मुस्लिम बेटियों की पीड़ा को नजरअंदाज किया मगर उनकी सरकार ने तीन तलाक रोधी कानून बनाया है। उन्होंने कहा कि वह परिवार वाले भले न हों, लेकिन हर परिवार के दर्द को समझते हैं। मोदी ने बाराबंकी और कौशांबी में पार्टी प्रत्याशियों के समर्थन में जनसभाओं को संबोधित किया।
इस दौरान उन्होंने सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव पर कटाक्ष करते हुए उनका नाम लिए बगैर कहा कि जो लोग परिवार वाला होने का दावा करते हैं उन्हें तीन तलाक पीड़िताओं का दर्द क्यों नहीं दिखा। उन्होंने कहा, मेरी मुस्लिम बहनों, बेटियों को छोटे-छोटे बच्चे लेकर पिता के घर लौटना पड़ता था, तब तुम्हें परिवार का दर्द क्यों समझ नहीं आया, हम परिवार वाले नहीं हैं, मगर परिवार के दर्द को पहचानते हैं। गौरतलब है कि सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने पिछले दिनों बिजनौर में संवाददाताओं से बातचीत में परिवारवाद के आरोप पर मोदी को जवाब देते हुए कहा था कि जिनके पास परिवार होता है वही एक परिवार का दर्द समझ सकते हैं।
मोदी ने किसानों का जिक्र करते हुए कहा कि इस देश में 80-90 प्रतिशत छोटे किसान हैं और पहली बार वह छोटे किसानों के लिए लड़ रहे हैं। मोदी ने अपनी मंत्रिमंडलीय सहयोगी अनुप्रिया पटेल के पिता अपना दल के दिवंगत नेता सोनेलाल पटेल को भी याद करते हुए कहा कि उन्होंने अपना जीवन गरीबों, शोषितों, पिछड़ों और दलित वर्ग के कल्याण में लगा दिया। प्रधानमंत्री ने पूर्ववर्ती सपा सरकार पर घोटाले करने का आरोप लगाते हुए कहा कि इनके राज में घोटालों का ही राज था- खनन घोटाला, खाद्यान्न घोटाला, एंबुलेंस घोटाला और रिवरफ्रंट घोटाला।
मोदी ने सपा पर आरोप लगाते हुए कहा कि हाल ही में अहमदाबाद बम धमाकों के मामले में अदालत ने बड़ी संख्या में आतंकवादियों को मौत की सजा सुनाई है, लेकिन इन परिवार वादियों ने फैसले का स्वागत तक नहीं किया। उन्होंने कहा मैं कल कौशांबी का ही एक वीडियो देख रहा था। यह घोर परिवार वादी किस तरह दलितों का अपमान करते हैं, यह उसमें साफ दिखाई देता है।” मोदी ने कहा कि इन परिवार वादियों को भगवान गौतम बुद्ध की प्रतिमा तक स्वीकार करना गवारा नहीं है, चांदी का मुकुट देखा तो मुंह में पानी छूट गया और उसे लपक लिया।