लता मंगेश्वर का निधन: राष्ट्रपति कोविंद और प्रधानमंत्री मोदी ने जताया शोक

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मुंबई। देश के संगीत जगत की सबसे बड़ी हस्तियों में शुमार और कई पीढ़ियों तक अपनी सुरीली आवाज का जादू बिखेरने वाली महान गायिका लता मंगेशकर का रविवार को निधन हो गया। वह 92 वर्ष की थीं। उनकी बहन उषा मंगेशकर ने बताया कि लता मंगेशकर के कई अंगों ने काम करना बंद कर दिया था। उषा मंगेशकर ने कहा, ”वह अब हमारे बीच नहीं रहीं। उनका सुबह निधन हो गया। आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि लता मंगेशकर के निधन पर दो दिन के राष्ट्रीय शोक की घोषणा की गई है। उन्होंने कहा कि इस दौरान राष्ट्रीय ध्वज आधा झुका रहेगा और उनका अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान के साथ किया जाएगा।

लता मंगेशकर के निधन के बाद पूरा देश शोक की लहर में डूब गया है। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत कई लोगों ने उनके निधन पर शोक व्यक्त किया है। राष्ट्रपति भवन ने कोविंद के हवाले से ट्वीट किया, लता दीदी जैसा कलाकार सदियों में एक बार पैदा होता है। वह एक असाधारण व्यक्ति थीं, जो उच्च कोटि के व्यवहार की धनी थीं। राष्ट्रपति कहा कि यह दिव्य आवाज सदा के लिए बंद हो गई लेकिन उनके गाए गीत हमेशा अमर रहेंगे और अनंतकाल तक गूंजते रहेंगे। राष्ट्रपति ने शोक व्यक्त करते हुए कहा, लता जी का निधन मेरे लिए, दुनियाभर के लाखों लोगों के लिए हृदयविदारक है।

स्वरकोकिला लता मंगेशकर के साथ अपने चित्र साझा करते हुए राष्ट्रपति कोविंद ने कहा कि भारत रत्न लता जी की उपलब्धियां अतुलनीय हैं। कोविंद ने उनके साथ अपनी मुलाकात का जिक्र करते हुए कहा कि लता दीदी एक विलक्षण व्यक्तित्व थीं और उनके जैसे कलाकार सदियों में एक बार ही जन्म लेते हैं। उन्होंने कहा कि वह जब भी लता दीदी से मिले, उन्हें गर्मजोशी से भरा पाया। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, लता दीदी ने अपने गीतों के जरिए विभिन्न भावनाओं को व्यक्त किया। उन्होंने दशकों से भारतीय फिल्म जगत में आए बदलावों को नजदीक से देखा।

फिल्मों से परे, वह भारत के विकास के लिए हमेशा उत्साही रहीं। वह हमेशा एक मजबूत और विकसित भारत देखना चाहती थीं। मोदी ने कहा, मैं अपना दुख शब्दों में व्यक्त नहीं कर सकता। दयालु और सबकी परवाह करने वाली लता दीदी हमें छोड़कर चली गईं। उनके निधन से देश में एक खालीपन पैदा गया है, जिसे भरा नहीं जा सकता। भावी पीढ़ियां उन्हें भारतीय संस्कृति की पुरोधा के रूप में याद रखेंगी, जिनकी सुरीली आवाज में लोगों को मोहित करने की अद्वितीय क्षमता थी।

प्रधानमंत्री ने कहा, ”यह मेरे लिए सम्मान की बात है कि मुझे लता दीदी से हमेशा बहुत स्नेह मिला। मैं उनके साथ की गई बातों को हमेशा याद रखूंगा। मैं और देशवासी लता दीदी के निधन पर शोक व्यक्त करते हैं। मैंने उनके परिवार से बात की और अपनी संवेदनाएं व्यक्त कीं। ओम शांति। स्वर सम्राज्ञी के रूप से जानी जाने वाली लता मंगेशकर ने पांच साल की उम्र से गायन का प्रशिक्षण लेना शुरू किया था। उन्होंने 1942 में एक गायिका के रूप में अपना करियर शुरू किया था और सात दशकों से अधिक समय तक हिंदी, मराठी, तमिल, कन्नड़ और बंगाली समेत 36 भारतीय भाषाओं में लगभग 25,000 गीत गाए।

उन्होंने ‘लग जा गले’, ‘मोहे पनघट पे’, ‘चलते चलते’, ‘सत्यम शिवम सुंदरम’, ‘अजीब दास्तां है’, ‘होठों में ऐसी बात’, ‘प्यार किया तो डरना क्या’, ‘नीला आसमां सो गया’ और ‘पानी पानी रे’ जैसे कई गीतों को अपनी सुरीली आवाज देकर यादगार बना दिया। भारतीय सिनेमा के सबसे महान पार्श्व गायकों में से एक मानी जाने वाली लता मंगेशकर को कई फिल्म पुरस्कारों से सम्मानित किया गया। उन्हें पद्म भूषण, पद्म विभूषण, दादा साहेब फाल्के पुरस्कार और कई बार भारतीय फिल्म पुरस्कारों से नवाजा गया। उन्हें 2001 में भारत का सबसे बड़ा नागरिक सम्मान भारत रत्न दिया गया था।

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5 COMMENTS

  1. naturally like your web site however you need to take a look at the spelling on several of your posts. A number of them are rife with spelling problems and I find it very bothersome to tell the truth on the other hand I will surely come again again.

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