यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि उनकी सरकार प्रदेश के सभी 75 जिलों में केन्द्र सरकार की मदद से मुफ्त डायलिसिस सुविधा देगी। अपने सरकारी आवास से कई चिकित्सीय सुविधाओं का शुभारंभ और लोकार्पण के मौके पर उन्होने कहा प्रधानमंत्री राष्ट्रीय डायलिसिस कार्यक्रम के तहत हम पहले से ही राज्य के 65 जिलों में मुफ्त डायलिसिस की सुविधा प्रदान कर रहे हैं। तीन और डायलिसिस केंद्रों के उद्घाटन के साथ ही यह सुविधा राज्य के 68 जिलों में विस्तारित की जा रही है जबकि शेष जिलों में, परियोजना प्रक्रियाधीन है।
उन्होने चंदौली, भदोही और हाथरस में डायलिसिस सेंटर और हेल्थ, वेलनेस केंद्रों पर ओरल कैंसर स्क्रीनिंग अभियान और 35 उच्चीकृत एएनएम प्रशक्षिण केंद्रों में शैक्षणिक सत्र का शुभारंभ भी किया। उन्होने कहा कि आज एक साथ 35 एएनएम केंद्रों का शुभारंभ हुआ है। ये सभी केंद्र उच्चस्तरीय सुविधाओं से युक्त है। इनमें मॉडर्न सुविधाओं से लैस इंफ्रास्ट्रक्चर, क्लासरूम, लैब, लैबोरेटरी और स्टाफ सब है। इनके शुरू हो जाने से एक साथ 1700 से अधिक बेटियां प्रशक्षिति होंगी। जो भी बेटियां यहां से पढ़कर निकलेंगी उन्हें स्वास्थ्य के क्षेत्र में करियर बनाने का अवसर प्राप्त होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 33 वर्ष पहले प्रदेश में इंफ्रास्ट्रक्चर उपलब्ध था लेकिन इन एएनएम केंद्रों को बंद कर दिया गया जिसके कारण प्रदेश की लड़कियों को नर्सिंग की पढ़ाई के लिए निजी सेंटरों में प्रवेश लेना पड़ता था या फिर दूसरे शहरों की ओर रुख करना पड़ता था। इससे उनके रहने खाने पर भी अतिरिक्त व्यय आता था। उन्होंने कहा कि पैरामेडिकल स्टाफ किसी भी प्रदेश के स्वास्थ सुविधा की रीढ़ होते हैं। एएनएम की क्या भूमिका हो सकती है, इसकी उपयोगिता हमें कोरोना महामारी में देखने को मिली है। कोरोना के दौरान एएनएम और आशा वर्कर्स ने घर-घर जाकर अपनी जान की परवाह किए बिना मानवता की सेवा की। उन्होंने कहा कि क्वालटी ऑफ लाइफ की गारंटी उत्तर प्रदेश में हो इसका प्रयास हम सबको करना चाहिए।