मेढक बना दूल्हा, मेढकी बनी दुल्हन, गोरखपुर में बारिश के लिए कराई गई अनोखी शादी

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मॉनसून में सामान्य से कम बारिश होने से चिंतित यहां के लोगों ने भगवान को प्रसन्न करने के लिए कालीबाड़ी मंदिर में मेंढकों के जोड़े का प्रतीकात्मक विवाह समारोह आयोजित किया। स्थानीय लोगों का मानना है कि बारिश के लिए यह टोटका कारगर होता है। एक स्थानीय संगठन हिंदू महासभा द्वारा आयोजित अनुष्ठान में शामिल लोगों ने बताया कि मंगलवार को सभी रीति-रिवाजों के साथ कालीबाड़ी मंदिर में दो मेंढकों की शादी कराई गई। बड़ी संख्या में लोग विवाह समारोह को देखने पहुंचे।

हिंदू महासंघ के रमाकांत वर्मा ने कहा, पूरा क्षेत्र सूखे जैसी स्थिति का सामना कर रहा है और सावन महीने के पांच दिन बीत चुके हैं लेकिन अभी तक बारिश नहीं हुई है। पिछले हफ्ते हमने हवन पूजन और पुराणों में वर्णित अनुष्ठान किया । अब हमने मेंढकों की एक जोड़ी की शादी का आयोजन किया। हमें उम्मीद है कि अनुष्ठान निश्चित रूप से काम करेगा और हमारे इलाके में बारिश होगी।

विवाह समारोह में मौजूद लोगों ने कहा कि इस अनुष्ठान का प्रभाव जरूर दिखेगा, उन्हें गर्मी से राहत मिलेगी और सूखे का ख़तरा टल जाएगा। गौरतलब है कि सूखे जैसे हालात पैदा होने की आशंका के बीच 13 जुलाई को इंद्र देवता को खुश करने के लिए महराजगंज जिले में महिलाओं के एक समूह ने भाजपा विधायक जय मंगल कनौजिया और नगर पालिका अध्यक्ष कृष्ण गोपाल जायसवाल को कीचड़ से नहलाया था। क्षेत्र में पुरानी मान्यता के तहत वर्षा के देवता इंद्र को प्रसन्न करने के लिए नगर के मुखिया को कीचड़ से नहलाया जाता है। इसी के तहत महराजगंज के पीपरदेउरा गांव की महिलाओं ने क्षेत्रीय विधायक और नगर पालिका अध्यक्ष को कीचड़ से स्नान कराया। जायसवाल ने बताया, बहुत कम बारिश होने की वजह से हमारे सामने सूखे का खतरा उत्पन्न हो गया है और महिलाओं ने इंद्र देव को प्रसन्न करने के लिए बहुत पुरानी परंपरा को निभाया

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