लखनऊ। जैसे-जैसे चुनाव नजदीक आ रहा है वैसे-वैसे राजनीतिक रंग भी नेताओं पर चढ़ने लगा है। सभी एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगा रहे हैं। कोई अपनी सरकार की खूबियां गिना रहा है तो कोई विपक्ष की कमियां। यूपी के चुनावी रण में इन दिनों भाजपा और सपा में तीखी नोकझोंक है। केंद्रीय सूचना प्रसारण, खेल व युवा मामलों के मंत्री तथा उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी के सह विधानसभा चुनाव प्रभारी अनुराग ठाकुर ने रविवार को राज्य की मुख्य विपक्षी समाजवादी पार्टी पर तंज कसते हुए कहा कि समाजवादी पार्टी में वे जाते हैं जो दंगा करते हैं और भाजपा में वे शामिल होते हैं जो दंगाइयों को पकड़ते हैं। सपा के समाजवाद का असली खेल या तो प्रत्याशी को जेल या फिर बेल।
भाजपा प्रदेश मुख्यालय में रविवार को पूर्व आईपीएस अधिकारी असीम अरुण को पार्टी में शामिल कराने के बाद पत्रकारों को संबोधित करते हुए ठाकुर ने कहा, ”समाजवादी पार्टी में वे जाते हैं जो दंगा करते हैं और भाजपा में वे शामिल होते हैं, जो दंगाइयों को पकड़ते हैं। सपा के समाजवाद का असली खेल या तो प्रत्याशी को जेल या फिर बेल है। उन्होंने कहा कि सपा ने फिर से साफ कर दिया है कि वह प्रदेश को फिर दंगा-प्रदेश बनाने की कोशिश कर रही है।
उल्लेखनीय है कि कानपुर के पुलिस आयुक्त पद से स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति (वीआरएस) लेकर राजनीति में आए अपर पुलिस महानिदेशक स्तर के अधिकारी असीम अरुण ने आतंकवाद-निरोधक दस्ते (एटीएस) के प्रमुख के तौर पर कई जासूसों और बड़े अपराधियों को गिरफ्तार कराया था। केंद्रीय मंत्री ने कहा, सपा का प्रत्याशी नंबर एक- विधायक नाहिद हसन (सपा के कैराना का उम्मीदवार) जेल में बंद है और उसका दूसरा विधायक अब्दुल्ला आजम जमानत पर है। सपा की सूची देखेंगे तो शुरुआत जेल वाले से होती है और अंत ‘बेल’ वाले पर होगा। उन्होंने कहा कि यह ‘जेल-बेल’ का खेल समाजवादी पार्टी का असली खेल है।
ठाकुर ने कहा कि आज समाज के सामने स्पष्ट हुआ है कि भाजपा में साफ और ईमानदार छवि के अधिकारी आ रहे हैं और समाजवादी पार्टी में दंगा करने वाले दंगाई जा रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि उनके प्रत्याशी नाहिद हसन के खिलाफ दंगा एवं पलायन के लिए मजबूर करने का आरोप है और यहां बेदाग छवि वाले आते हैं और वहां (सपा में) दंगा करने वाले जाते हैं। उल्लेखनीय है कि पुलिस ने शनिवार को गैंगस्टर एक्ट के मामले में वांछित चल रहे कैराना के विधायक और सपा उम्मीदवार नाहिद हसन को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया, जबकि रामपुर के सपा सांसद आजम खान के पुत्र सपा नेता अब्दुल्ला आजम खान सीतापुर जेल से जमानत पर करीब दो वर्ष बाद रिहा हुए हैं। 2017 में अब्दुल्ला रामपुर की स्वार विधानसभा सीट से चुनाव जीते थे। इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने चुनावी हलफनामे की विसंगति के कारण अब्दुल्ला आजम को विधायक के तौर पर अयोग्य घोषित कर दिया था। सपा की पहली सूची में नाहिद हसन पार्टी के उम्मीदवार घोषित हुए हैं और पहले चरण के नामांकन के पहले ही दिन उन्होंने कैराना विधानसभा क्षेत्र से अपना नामांकन पत्र भी दाखिल कर दिया।


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