लखनऊ। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भारतीय जनता पार्टी पर यूपी के विधानसभा चुनाव में गुजरात के लोगों को बुलाकर अफवाह, झूठ, साजिश और नफरत फैलाने के लिए प्रशिक्षण देने का आरोप लगाया। इसको लेकर अखिलेश ने चुनाव आयोग से मांग की है कि कोविड प्रोटोकॉल का पालन करते हुए दूसरे राज्यों से आए लोगों को वापस उनके राज्य भेजा जाए। यादव ने कहा कि गुजरात के लोगों को वापस नहीं भेजा गया तो चुनाव निष्पक्ष नहीं होगा।
रविवार को सपा मुख्यालय में राज्य सरकार के वन व पर्यावरण मंत्री पद से इस्तीफा देकर आए दारा सिंह चौहान और उनके समर्थक नेताओं व कार्यकर्ताओं और अपना दल (एस) विधायक डॉक्टर आर के वर्मा को समाजवादी पार्टी में शामिल कराने के बाद अखिलेश यादव ने गुजरात को लेकर भारतीय जनता पार्टी पर हमला बोला। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, हमारा कोई कार्यकर्ता दूसरे प्रदेश से नहीं आया है। मैं अपने पत्रकार साथी से कहूंगा कि वह सूची देना जहां गुजरात प्रदेश के लोगों को देखा था।
यादव ने दावा किया, मैं चुनाव आयोग से कहूंगा और लिखकर शिकायत करूंगा कि कोविड प्रोटोकॉल को मानते हुए दूसरे प्रदेश के लोग चाहे राजस्थान के, चाहे मध्यप्रदेश के, चाहे छत्तीसगढ़ के, चाहे किसी प्रदेश से आए हों, उन्हें वापस उनके प्रदेश में भेजा जाए। यादव ने कहा, गुजरात के लोगों को वापस नहीं भेजा तो चुनाव निष्पक्ष नहीं होगा क्योंकि सोशल मीडिया पर तस्वीरें आई थीं कि गुजरात के लोग यहां पर अफवाह फैलाने के लिए, साजिश करने के लिए, झूठ फैलाने के लिए, पैसा बांटने के लिए और लोगों के बीच नफरत फैलाने के लिए ट्रेनिंग (प्रशिक्षण) दे रहे हैं।
अनुराग ठाकुर के लगाए आरोपों का सपा अध्यक्ष ने दिया जवाब
कानपुर के पुलिस आयुक्त पद से वीआरएस लेने वाले पूर्व आईपीएस अधिकारी असीम अरुण को भारतीय जनता पार्टी में शामिल कराये जाने के मौके पर केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर द्वारा समाजवादी पार्टी पर लगाए गए आरोपों की याद दिलाने पर यादव ने कहा, आप उत्तर प्रदेश के पत्रकार हैं, आप उनके (अनुराग ठाकुर) सवालों के चक्कर में न पड़ें, आप उत्तर प्रदेश की जनता का हित देखिए, जब अनुराग ठाकुर जैसे मंत्री आपसे कुछ कहें तो आप उनसे पूछिए कि आप जिस विभाग में मंत्री थे और जिस विभाग में मंत्री हैं उससे उत्तर प्रदेश को क्या दिया। जो कार्य सपा सरकार ने किया है उसकी आप कल्पना नहीं कर सकते।
पूर्व मुख्यमंत्री यादव ने कहा, मैं आपसे कहूंगा एक शब्द बड़ा बदनाम हो गया, ईमानदार शब्द लेकिन अगर आप बहुत निष्पक्ष और ईमानदार पत्रकार हैं तो ऐसे आदमी (अनुराग ठाकुर) का आंकड़ा निकाल लीजिए और अगली बार बोले तो उनके मुंह पर चिपका देना। उल्लेखनीय है कि रविवार को भारतीय जनता पार्टी प्रदेश मुख्यालय में पूर्व आईपीएस अधिकारी असीम अरुण को पार्टी में शामिल कराने के बाद पत्रकारों को संबोधित करते हुए केंद्रीय सूचना व प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि समाजवादी पार्टी में वो जाते हैं जो दंगा करते हैं और भारतीय जनता पार्टी में वो शामिल होते हैं जो दंगाइयों को पकड़ते हैं। सपा के समाजवाद का असली खेल या तो प्रत्याशी को जेल या फिर बेल है। उन्होंने कहा कि सपा ने फिर से साफ कर दिया है कि वो प्रदेश को फिर दंगा प्रदेश बनाने की कोशिश कर रही है।
असीम अरुण के मसले पर सपा प्रमुख ने कहा, सोचो वर्दी में कैसे-कैसे लोग छिपे थे। यही बात तो मैं पहले दिन से कहता आया हूं, क्या आप पंचायत का चुनाव भूल गए। पंचायत का चुनाव जब उत्तर प्रदेश में हुआ था तो मैंने कहा था कि भाजपा के लिए जिलाधिकारी और पुलिस कप्तान मिलकर चुनाव लड़ रहे हैं। इस बीच, उत्तर प्रदेश भाजपा प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी ने अखिलेश की इस बयान पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा, अखिलेश एक प्रादेशिक पार्टी का नेतृत्व करते हैं ना कि राष्ट्रीय पार्टी का। वह भाजपा से डरे हुए हैं और इसीलिए उसके खिलाफ बेबुनियाद टिप्पणियां कर रहे हैं।
उन्होंने कहा, अखिलेश कभी चुनाव आयुक्त से पूर्व आईपीएस अधिकारी असीम अरुण के साथ काम कर चुके अधिकारियों को चुनाव ड्यूटी से हटाने की मांग करते हैं और कभी वह वर्चुअल रैलियों के बारे में यह कहते हुए आयोग पर ही आरोप लगाते हैं कि इससे भाजपा को फायदा होगा। इस सभी से अखिलेश की निराशा जाहिर होती है। वह खुद को कमजोर महसूस कर रहे हैं और चुनाव में अपनी हार के कारण तलाशने की कोशिश में जुटे हैं।
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने प्रदेश की कानून व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए कहा, उत्तर प्रदेश की बहनों और माताओं के साथ क्या घटना घटी, कोई कल्पना कर सकता है आज के समय में। एक बहन के कपड़े फाड़ दिए जाएं। भाजपा के गृह राज्य मंत्री के बेटे ने किसानों को कुचल दिया और गोरखपुर कैसे भूल जाओगे जहां एक व्यापारी को पुलिस ने पीट-पीट कर मार दिया। यादव ने कहा, ये पुलिस के लोगों ने लगातार अन्याय किया और आज उन्हें इनाम मिल रहा है। जहां कहीं भी इनाम मिलेगा उनकी जमानत जब्त होगी। जहां से चुनाव लड़ने जाएंगे उनकी जमानत जब्त होगी।
यादव ने यह भी कहा, मैं चुनाव आयोग से शिकायत करूंगा कि पिछले पांच साल तक जो जो अधिकारी लगातार असीम अरुण के साथ ड्यूटी पर रहे हैं, उनको भी हटाया जाए वरना वे भाजपा कार्यकर्ता के रूप में कार्य करेगे। उन्होंने कहा, एक अधिकारी किसी पार्टी से कितना संबंध रख सकता है यह उदाहरण भी हो गया है। हमें उम्मीद हैं कि चुनाव आयोग ऐसे अधिकारियों पर कार्रवाई करेगा और आयोग अगर ऐसे अधिकारियों पर कार्रवाई नहीं करेगा तो आयोग की निष्पक्षता पर भी सवाल उठेगा।