उत्तर प्रदेश में चुनाव से ठीक पहले सपा में शामिल हुए स्वामी प्रसाद मौर्य ने अपनी हार स्वीकार करते हुए कहा कि मैं चुनाव हारा हूं… हिम्मत नहीं। हमने जिन मुद्दों को उठाया वो अब भी मौजूद हैं। मैं आगे भी जनता के मुद्दे उठाता रहूंगा। मौर्य ने कहा कि हम जनता के फैसले का सम्मान करते हैं और जनादेश को स्वीकार करते हैं।
योगी सरकार में मंत्री रहे स्वामी प्रसाद ने सियासी रणनीति के तहत चुनाव से ठीक पहले न सिर्फ पार्टी बदली, बल्कि अपनी परंपरागत सीट पडरौना छोड़कर फाजिलनगर से चुनाव मैदान में उतरे। यहां उन्हें भाजपा के सुरेंद्र कुमार कुशवाहा ने पराजित किया। स्वामी की हार में सपा के पूर्व जिलाध्यक्ष इलियास अंसारी का बागी होना मुख्य वजह माना जा रहा है। स्वामी के सहारे चुनावी वैतरणी पार करने वाले कई नेताओं को टिकट तो दिया गया, लेकिन नामांकन के बाद उन्हें मैदान से वापस होना पड़ा। प्रयागराज पश्चिम में अमरनाथ मौर्य, जौनपुर में तेज बहादुर मौर्य, अयोध्या के बीकापुर से बलराम मौर्य और मिर्जापुर के मझंवा से दामोदर मौर्य इनमें मुख्य हैं। इसी तरह बांदा में भी सपा ने पूर्व मंत्री दद्दू प्रसाद को टिकट दिया,लेकिन दूसरे दिन बदल दिया।