उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले में जल निगम में तैनात कनिष्ठ अभियंता (जेई) की बेटी का अपहरण कर तीन करोड़ रुपये की फिरौती मांगे जाने के मामले में पुलिस ने तीन बदमाशों को मुठभेड़ के बाद गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस के मुताबिक, जेई के पूर्व वाहन चालक ने अपने दो साथियों के साथ घटना को अंजाम दिया था। गिरफ्तार अभियुक्तों में एक जल निगम का कर्मचारी भी है। अपर पुलिस अधीक्षक (नगर क्षेत्र) आयुष विक्रम सिंह ने मंगलवार को बताया कि नौचंदी थाना क्षेत्र के शास्त्रीनगर इलाके से सोमवार की दोपहर जल निगम में तैनात कनिष्ठ अभियंता महबूब की छह वर्षीय बच्ची मायशा का अपहरण कर लिया गया था। बच्ची के पिता के मुताबिक, उनसे बेटी की सकुशल रिहाई के लिये तीन करोड़ रुपये फिरौती मांगी गयी थी। सिंह ने बताया कि घटना की सूचना मिलते ही पुलिस ने पूरे इलाके की नाकाबंदी करते हुए सघन तलाशी अभियान चलाया। हालांकि अपहरण होने के करीब दो घंटे बाद ही बच्ची सकुशल घर वापस आ गयी। अज्ञात लोगों के खिलाफ अपहरण के आरोप में मुकदमा पंजीकृत किया गया था।
उन्होंने बताया कि मामले की पड़ताल के दौरान जेई के पूर्व वाहन चालक आकाश की भूमिका संदिग्ध पायी गयी। सोमवार देर रात पुलिस को आकाश और उसके दो साथियों के नौचंदी ग्राउंड के पास मौजूद होने की सूचना मिली थी। पुलिस ने घेराबंदी कर आकाश और उसके साथियों को गिरफ्तार करने का प्रयास किया। खुद को पुलिस से घिरा देखकर इन्होंने पुलिस दल पर गोलियां चलाकर भागने का प्रयास किया। पुलिस की जवाबी कार्रवाई में आकाश (27) और उसका साथी राजू (35) घायल हो गये। उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। राजू जल निगम का कर्मचारी है।
सिंह ने बताया कि बाद में पुलिस ने अजय (18) नामक एक और बदमाश को भी गिरफ्तार कर लिया। मुठभेड़ में घायल बदमाशों को उपचार के लिए जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है। उनके पास से दो तंमचे बरामद हुए हैं। इसके अलावा जेई की बेटी के अपहरण की घटना में इस्तेमाल की गयी कार भी बरामद की गयी है। उन्होंने बताया कि गिरफ्तार बदमाशों से की गई शुरुआती पूछताछ में पता चला है कि आकाश को छह महीने पहले 50 हजार रुपये की चोरी के आरोप में जेई महबूब ने वाहन चालक की नौकरी से हटा दिया था। आकाश और राजू दोस्त हैं। चालक पद से हटाये जाने से नाराज होकर आकाश ने अपने साथियों के साथ जेई की बेटी के अपहरण की योजना बनाई थी। सिंह ने बताया कि अभियुक्तों ने एक कार किराये पर ली थी। सोमवार दोपहर करीब डेढ़ बजे वे महबूब के घर के बाहर बच्ची का स्कूल से लौटने का इंतजार कर रहे थे। जैसे ही बच्ची आटोरिक्शा से उतरी, अजय ने बच्ची को जबरन कार में बैठा लिया। बाद में अभियुक्त बच्ची को लेकर हापुड़ मार्ग की तरफ चले गये। अपहरण की सूचना पर पुलिस द्वारा पूरे इलाके की नाकाबंदी कर सघन निरीक्षण कराये जाने के बारे में पता चलने पर अपहरणकर्ता घबरा गये और बच्ची को वापस छोड़ कर भाग गये।