इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ ने वर्ष 2001 में सड़क पर विरोध प्रदर्शन के एक मामले में आम आदमी पार्टी (आप) के राज्यसभा सदस्य संजय सिंह की जमानत याचिका पर अपना आदेश बृहस्पतिवार को सुरक्षित रख लिया। न्यायमूर्ति के. एस. पवार ने मामले की सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया। अदालत ने बुधवार को कहा था कि जमानत याचिका पर आदेश आने तक संजय सिंह को सुल्तानपुर अदालत के समक्ष आत्मसमर्पण करने की जरूरत नहीं है।
सुलतानपुर की एमपी/एमएलए अदालत ने वर्ष 2001 में बिजली और पानी की समस्या को लेकर किये गये धरना—प्रदर्शन के मामले में संजय सिंह, समाजवादी पार्टी के नेता अनूप संडा और चार अन्य आरोपियों को 11 जनवरी 2023 को दोषी ठहराया था। इसके खिलाफ दाखिल अपील को सत्र अदालत ने खारिज करके उन्हें आत्मसमर्पण करने का आदेश दिया था। इस आदेश के खिलाफ संजय सिंह ने उच्च न्यायालय में पुनरीक्षण याचिका दाखिल करके बरी करने का आग्रह किया है। सुलतानपुर की एमपी/एमएलए अदालत ने 13 अगस्त को संजय सिंह, अनूप संडा और चार अन्य के खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किया था।