भारतीय जानत पार्टी के बाद अब समाजवादी पार्टी ने भी लखनऊ की सरोजनीनगर सीट को लेकर सस्पेंस खत्म कर दिया है। इस सीट से भाजपा ने जहां कभी सुपर कॉप कहे जाने वाले ईडी के पूर्व ज्वाइंट कमिश्नर राजेश्वर सिंह को प्रत्याशी बनाया है वहीं सपा ने पार्टी के सबसे पढ़े-लिखे नेताओं में शुमार पूर्व मत्री अभिषेक मिश्रा को उनके खिलाफ मैदान में उतारा है।
आईआईएम अहमदाबाद से बिजनेस पॉलिसी एरिया (स्ट्रेटेजी एंड इनोवेशन) डिपार्टमेंट के फैकेल्टी रहे अभिषेक मिश्रा ने स्कॉटलैंड की ग्लास्गो यूनिवर्सिटी से मैनेजमेंट में एमएससी की ड्रिगी हासिल की है। इसके अलावा उन्होंने इंग्लैंड की कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी से पीएचडी और एमफिल की डिग्री ली है। वह रक्षा और गृह मंत्रालय में कंसल्टेंट के तौर पर अपनी सेवाएं दे चुके हैं। अभिषेक मिश्रा इसके अलावा नए आईएएस और आईपीएस अफसरों के ट्रेनिंग प्रोग्राम से भी जुड़े रहे हैं।
सपा ने इस बार अभिषेक मिश्रा की लखनऊ उत्तर सीट बदल दी है। राजनीतिक जानकारों का मानना है कि उन्हें सरोजनीनगर से उतारने के पीछे इस सीट के समीकरणों को ध्यान में रखा गया है। बताया जाता है कि सरोजनी नगर सीट पर अनुसूचित जाति और ओबीसी के मतदाताओं का सबसे बड़ा वोट बैंक है। यहां करीब पौने दो लाख अनुसूचित जाति के मतदाता हैं तो डेढ़ लाख ओबीसी मतदाता। करीब 70 हजार क्षत्रिय, 50 हजार ब्राह्मण और 30 हजार मुस्लिम मतदाता बताए जाते हैं। सरोजनी नगर में शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्र पड़ते हैं। बताया जाता है कि इस सीट पर सवर्ण-ओबीसी या सवर्ण-दलित का गठजोड़ हमेशा कारगर साबित होता आया है। इरशाद खान, शारदा प्रताप शुक्ल और स्वाति सिंह की जीत भी इन्हीं समीकरणों के तहत हुई थी। इस बार भी अभिषेक मिश्रा को मैदान में समाजवादी पार्टी और राजेश्वर सिंह के जरिए भाजपा की कोशिश अलग-अलग वर्गों के इन मतदाताओं को अपने पक्ष में लाने की है।