लखनऊ। उत्तराखंड के बांधों से छोड़े गये लाखों क्यूसेक पानी और राज्य में भारी बारिश के कारण उत्तर प्रदेश के तराई और मैदानी इलाकों में आई बाढ़ से छह जिलों के अनेक गांव प्रभावित हुए हैं। राहत आयुक्त कार्यालय से सोमवार को प्राप्त रिपोर्ट के मुताबिक, उत्तराखंड के बनबसा बांध से रविवार रात करीब तीन लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने से पीलीभीत जिले में शारदा नदी उफान पर है और बाढ़ का पानी 20 गांवों में घुस गया है। रिपोर्ट के मुताबिक, प्रभावित लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने के लिये राष्ट्रीय आपका मोचन बल (एनडीआरएफ) की टीम 32 नौकाओं की मदद से राहत कार्यों में जुटी है। रिपोर्ट के मुताबिक, सोमवार को सुबह सात बजे से 10 बजे के बीच बनबसा बांध से शारदा नदी में लगभग 10 लाख क्यूसेक तथा दियूनी और नानक सागर बांध से देवहा नदी में एक लाख 81 हजार क्यूसेक से ज्यादा पानी छोड़ा गया।
रिपोर्ट में बताया गया कि पीलीभीत मैलानी रेलवे रूट पर शाहगढ स्टेशन व संडई हाल्ट के बीच सकरिया नाले पर बनी पुलिया रविवार देर रात बह गई। इस वजह से मैलानी और टनकपुर की ओर रेल का संचालन रोक दिया गया। पूर्वोत्तर रेलवे इज्जत नगर मंडल रेल प्रबंधक रेखा यादव ने बताया कि क्षतिग्रस्त पुलिया के निर्माण में अभी समय लगेगा। मरम्मत होने के बाद ही इस रूट पर ट्रेनों का संचालन शुरू किया जा सकेगा। वहीं, खटीमा पुल पर पानी खतरे के निशान से अधिक बढ़ने पर टनकपुर-पीलीभीत मार्ग पर ट्रेन सेवा को भी फिलहाल बंद किया गया है। आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक, पानी के तेज बहाव के कारण गजरौला-बरखेड़ा सड़क मार्ग पर एक पुलिया बह गई। ग्रामीणों ने प्रशासन को बताया कि इस मार्ग पर पानी पुलिया के ऊपर बह रहा था।
पुलिया पुरानी होने की वजह से तेज बहाव सहन नहीं कर सकी और क्षतिग्रस्त हो गई। पुलिया बहने से गजरौला और बरखेड़ा कस्बों के बीच संपर्क टूट गया। राहत आयुक्त कार्यालय की रिपोर्ट के मुताबिक, बनबसा बैराज से छोड़े गये पानी से लखीमपुर खीरी में भी बाढ़ का असर दिख रहा है। यहां शारदा नदी खतरे के निशान को पार कर गयी है। नदी की बाढ़ से दो गांवों के पांच हजार से ज्यादा लोग प्रभावित हैं। यहां भी एनडीआरएफ की टीम तैनात की गयी है। बलरामपुर और श्रावस्ती में राप्ती नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। रिपोर्ट के मुताबिक, बलरामपुर में बाढ़ से 26 गांव प्रभावित हैं। बचाव कार्य के लिये राज्य आपका प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ) और पीएसी की एक-एक टीम तैनात की गयी है। प्रभावित लोगों के लिये 19 शरणालय बनाये गये हैं।
श्रावस्ती में उफनाई राप्ती नदी के पानी से तीन तहसीलों के 18 गांवों के लगभग 35 हजार लोग प्रभावित हैं। बचाव कार्य के लिये एसडीआरएफ और पीएसी की एक-एक टीम तैनात की गयी है। प्रभावित लोगों को बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों से निकालने के लिये छह नौकाओं और नौ मोटरबोट की मदद ली जा रही है। रिपोर्ट के मुताबिक, कुशीनगर में गंडक नदी भी उफान पर है हालांकि जलस्तर खतरे के निशान के नजदीक पहुंच गया है। जिले में पांच गांव बाढ़ से प्रभावित हैं। यहां बाढ़ प्रभावित लोगों को शरण देने के लिये 48 शरणालय बनाये गये हैं। रिपोर्ट में बताया गया कि शाहजहांपुर में बाढ़ की स्थिति तो नहीं है लेकिन खैतान नदी के जलस्तर में बढ़ोत्तरी की वजह से उसके आसपास अस्थायी मकान बनाकर रह रहे आठ परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। गोंडा जिले में तीन गांवों में कई हेक्टेयर फसल प्रभावित हुई है। रिपोर्ट के मुताबिक, राज्य के अन्य किसी भी जिले में बाढ़ की स्थिति नहीं है। उत्तर प्रदेश में मानसून पिछले करीब एक खासा सक्रिय है और मौसम विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक पिछले 24 घंटों के दौरान भी राज्य के अनेक हिस्सों में बारिश हुई। अगले 24 घंटों के दौरान भी प्रदेश के अनेक स्थानों पर वर्षा होने का अनुमान है।