पहले सरकारी भर्ती प्रक्रिया में “चाचा-भतीजे की जोड़ी” भ्रष्टाचार में लिप्त रहती थी: सीएम योगी

0
39

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को समाजवादी पार्टी पर निशाना साधते हुए कहा कि 2017 से पहले सरकारी भर्ती प्रक्रिया में “चाचा-भतीजे की जोड़ी” भ्रष्टाचार में लिप्त रहती थी। आदित्यनाथ बिना नाम लिए अकसर समाजवादी पार्टी (सपा) के प्रमुख अखिलेश यादव और उनके चाचा शिवपाल यादव के लिए “चाचा-भतीजा” शब्द इस्तेमाल करते हैं। 2017 से पहले राज्य में सपा की सरकार थी और अखिलेश मुख्यमंत्री थे। उन्होंने कहा कि 2022 में राजस्व विभाग ने अधीनस्थ सेवा चयन आयोग से नियुक्ति प्रक्रिया में तेजी लाने का अनुरोध किया था। उन्होंने कहा, “आयोग ने चयन प्रक्रिया को पूरी ईमानदारी और पारदर्शिता के साथ संचालित किया। हालांकि, हमेशा कुछ लोग ऐसे होते हैं जो हर अच्छी पहल में बाधा डालने की कोशिश करते हैं।

यहां जारी एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि मुख्यमंत्री ने लोक भवन में आयोजित मिशन रोजगार कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (यूपीएसएसएससी) द्वारा “निष्पक्ष व पारदर्शी” भर्ती प्रक्रिया के माध्यम से चयनित 7,720 लेखपाल को नियुक्ति पत्र बांटे। आदित्यनाथ ने कहा, “2017 से पहले (सपा शासनकाल में), लेखपाल के आधे पद दोषपूर्ण भर्ती प्रक्रिया के कारण खाली थे। प्रक्रिया शुरू होने से पहले ही, ‘चाचा-भतीजे’ की जोड़ी भ्रष्ट आचरण में लिप्त होकर सभी जिलों को परिवार के सदस्यों के बीच बांट देती थी। उन्होंने कहा, “यह वही उत्तर प्रदेश है जिसके युवा अगर कहीं बाहर जाते थे तो उन्हें दरकिनार कर दिया जाता था। कुछ जिलों की छवि इतनी खराब थी कि लोग उन्हें होटल और धर्मशालाओं में भी जगह नहीं देते थे, नौकरी तो दूर की बात है।” मुख्यमंत्री ने दावा किया कि उनके शासनकाल में यह चयन प्रक्रिया बिना किसी भेदभाव या सिफारिश के पूरी निष्पक्षता व पारदर्शिता के साथ की गई। उन्होंने कहा कि भर्ती किए गए उम्मीदवारों का यह कर्तव्य है कि वे सिफारिशों पर भरोसा किए बिना लगन से काम करें और राज्य में व्यापार करने में आसानी व गरीबों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार करें।

Previous articleअयोध्या में बाहरी लोगों को जमीन बेची गई, अरबों रुपये का घोटाला हुआ: अखिलेश यादव
Next articleइनेलो-बसपा मिलकर लड़ेंगी हरियाणा विधानसभा चुनाव : मायावती