अगर 1971 में मोदी प्रधानमंत्री रहे होते तो पाक और चीन से भूमि मुक्त करा लेते : बृजभूषण

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कैसरगंज से भाजपा सांसद और भारतीय कुश्ती संघ के निवर्तमान प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह ने रविवार को कहा कि अगर 1971 में नरेन्द्र मोदी प्रधानमंत्री रहे होते तो पाकिस्तान द्वारा 1947 में और चीन द्वारा 1962 में हड़पी गई जमीन को मुक्त करा लिया होता। जिले के बालपुर में विशाल जनसभा को संबोधित करते हुए सिंह अपना 23 मिनट का भाषण उर्दू शायरी से शुरू कर रामचरितमानस की चौपाई से उसका अंत किया। भाजपा नेता ने कहा, 1947 में जब कांग्रेस सत्ता में थी, देश का बंटवारा हुआ जिसका घाव अभी तक भरा नहीं है। जब कांग्रेस सत्ता में थी, पाकिस्तान द्वारा आक्रमण कर 78,000 वर्ग किलोमीटर जमीन हड़प ली गई। 1962 में जब कांग्रेस सत्ता में थी, चीन ने हम पर हमला किया और 33,000 वर्ग किलोमीटर जमीन हड़प ली।

उन्होंने कहा, 1971 में एक अप्रत्याशित घटना में 92,000 पाकिस्तानी सैनिकों को भारतीय सेना द्वारा युद्ध बंदी बना लिया गया, लेकिन तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने पुराना हिसाब निपटाए बगैर उन्हें छोड़ दिया। यदि मोदी जैसा प्रधानमंत्री होता तो कब्जा की गई जमीन मुक्त करा ली गई होती। भाजपा नेता सिंह ने 1975 में देश में आपातकाल लागू करने का कांग्रेस पर आरोप लगाते हुए कहा, ”कांग्रेस ने 1984 में सिख विरोधी दंगों में सिखों का नरसंहार कराया। अपने संबोधन में उन्होंने कहा, शुरुआत में हम यह मांग उठाया करते थे कि जहां बलिदान (श्यामा प्रसाद) मुखर्जी हुए, वह कश्मीर हमारा है। हम आज भी गर्व से यह दोहराते हैं और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह की वजह से संभव हुआ है। हालांकि, भारतीय कुश्ती संघ के प्रमुख ने अपने 23 मिनट के भाषण में पहलवानों का कहीं जिक्र नहीं किया।

उल्लेखनीय है कि दो जून को अयोध्या के जिला प्रशासन ने यौन शोषण मामले में आरोपी बृजभूषण शरण सिंह को पांच जून को रैली का आयोजन करने की अनुमति देने से मना कर दिया था। हालांकि सिंह ने कहा था कि उनके खिलाफ पहलवानों के आरोपों की चल रही जांच की वजह से राम कथा पार्क में होने वाली जन चेतना महारैली कुछ दिनों के लिए टाल दी गई है। फेसबुक पर एक पोस्ट में सिंह ने कहा था, ”मेरे प्यारे शुभचिंतकों, आपके सहयोग से मैंने लोकसभा सदस्य के तौर पर पिछले 28 वर्षों से सेवा की है। मैंने सत्तारूढ़ पार्टी में या विपक्ष में रहते हुए सभी जातियों, समुदायों और धर्मों के लोगों को एकजुट करने का प्रयास किया है। यही वजह से कि मेरे राजनीतिक प्रतिद्वंदियों और उनकी पार्टियों ने मेरे खिलाफ झूठे आरोप लगाए हैं।

सिंह ने कहा था, ”मौजूदा स्थिति में कुछ राजनीतिक दल क्षेत्रवाद और जातीय टकराव को बढ़ावा देकर सामाजिक सौहार्द बिगाड़ने का प्रयास कर रहे हैं। विनेश फोगाट, बजरंग पुनिया और साक्षी मलिक समेत प्रमुख पहलवानों ने सिंह पर यौन शोषण का आरोप लगाया है और 23 अप्रैल से विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। हालांकि आठ जून को एक नाबालिग पहलवान के पिता ने कहा कि उन्होंने सिंह के खिलाफ पुलिस में जानबूझकर एक झूठी शिकायत की। खेल मंत्री अनुराग ठाकुर द्वारा प्रदर्शनकारी पहलवानों को दिए गए आश्वासन के मुताबिक, यौन उत्पीड़न की जांच कर रही दिल्ली पुलिस ने 200 से अधिक लोगों के बयान दर्ज किए हैं और वह 15 जून को आरोप पत्र दाखिल करेगी। पहलवानों ने तब तक के लिए अपना विरोध टालने पर सहमति जताई है।

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