उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को कहा कि महाकुंभ ने प्रयागराज पर परिवर्तनकारी प्रभाव डाला है और यह भी कहा कि शहर में कभी माफिया और अपराधियों का बोलबाला था, लेकिन अब यह एक नए रूप में विकसित हो गया है। लखनऊ में इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में एक निजी चैनल के सम्मलेन में मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रयागराज में प्रमुख विकास परियोजनाओं के साथ एक पूर्ण परिवर्तन आया है, जिसने ऐतिहासिक शहर को एक आधुनिक पहचान दी है। उन्होंने इस बदलाव का श्रेय महाकुंभ के माध्यम से आस्था और अर्थव्यवस्था को जोड़ने को भी दिया। उत्तर प्रदेश सरकार ने एक बयान में कहा कि मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम में सफाई कर्मचारियों को सम्मानित किया और उन पर पुष्प वर्षा की। सफाईकर्मियों को स्वच्छता की नींव बताते हुए मुख्यमंत्री ने कहा, ‘उन्होंने स्वच्छ कुंभ के संदेश को सफलतापूर्वक जीवंत किया है।’
आदित्यनाथ ने महाकुंभ को सफल बनाने में सफाई कर्मचारियों की महत्वपूर्ण भूमिका पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा, ”किसी भी कार्य के समापन के बाद लोग अक्सर अगले काम के बारे में सोचते हुए आगे बढ़ जाते हैं। जब सभी लोग एक इमारत में रहते हैं तो उसकी नींव को भूल जाते हैं। महाकुंभ की नींव को मजबूत करने वाले सफाई कर्मचारियों को सम्मान मिलना चाहिए। उनके प्रयासों से यह आयोजन संभव हुआ और उन्हें सम्मानित करने का यह कार्यक्रम वाकई दिल को छू लेने वाला है।’ सामूहिक प्रयास की ताकत पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा, ‘कोई भी आयोजन तभी बड़ी ऊंचाइयों पर पहुंचता है, जब लोग एक साझा दृष्टिकोण के साथ एक साथ आते हैं। जब हम सामूहिक प्रयासों को सकारात्मक रूप से देखते हैं तो वे समाज के लिए प्रेरणा बन जाते हैं। प्रयागराज में बिल्कुल यही हुआ।” आदित्यनाथ ने यह भी साझा किया कि कैसे अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा और ब्रिटेन जैसे देशों के लोगों ने अपने बुजुर्ग माता-पिता को महाकुंभ में लाने की इच्छा व्यक्त की।
उन्होंने कहा, ‘महाकुंभ ने आस्था और अर्थव्यवस्था को जोड़ने के अभियान को आगे बढ़ाया है। महाकुंभ ने प्रयागराज जैसे शहर के विकास को सफलतापूर्वक आगे बढ़ाया है। यह कभी खूंखार माफियाओं और अपराधियों के कब्जे में था। वे पूरे प्रयागराज को रौंद रहे थे। आज महाकुंभ के कारण इसका कायापलट हो गया है। यहां कई बड़ी विकास परियोजनाएं क्रियान्वित की गईं। महाकुंभ के कारण इस प्राचीन शहर का नया स्वरूप सामने आया है।’ मुख्यमंत्री ने स्वच्छता और सुरक्षा के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि महाकुंभ में शामिल होने वाले सभी लोगों ने स्वच्छता और सुरक्षाकर्मियों की सराहना की। मुख्यमंत्री ने बताया कि महाकुंभ में मात्र 45 दिनों में 66.30 करोड़ से अधिक श्रद्धालु पहुंचे और हर दिन डुबकी लगाने वाले श्रद्धालुओं का आंकड़ा साझा किया। उन्होंने कहा कि जो लोग जितना दुष्प्रचार-अफवाह फैलाते थे, उन्हें जवाब देने के लिए जनता उतनी ही मजबूती से प्रयागराज पहुंच जाती।
एक घटना का वर्णन करते हुए उन्होंने कहा, ‘एक यूट्यूबर ने कर्नाटक के एक श्रद्धालु से पूछा कि वह कितनी दूर तक पैदल चले हैं और उसने जवाब दिया, पांच किलोमीटर। फिर यूट्यूबर ने उसे बताया कि अभी पांच किलोमीटर और चलना है। श्रद्धालु ने जवाब दिया, अगर मुझे 50 किलोमीटर भी चलना पड़े, तो मैं चलूंगा।’ मुख्यमंत्री ने कहा, ‘जब यूट्यूबर ने सलाह दी कि सरकार को बेहतर सुविधाओं की व्यवस्था करनी चाहिए थी तो श्रद्धालु ने जवाब दिया, मैं पैदल जा रहा हूं, तो आपको क्यों परेशान कर रहे हैं? भगवान के धाम तक पैदल पहुंचना मेरे लिए भक्ति का एक रूप है।’ योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सनातन धर्म का भाव ही कृतज्ञता का होता है। उन्होंने कहा, ‘यह इतिहास का सबसे बड़ा मानव समागम था, जिसने दुनिया को एक शक्तिशाली संदेश दिया। इसने दिखाया कि इस तरह के बड़े आयोजनों को सफलतापूर्वक प्रबंधित किया जा सकता है, आस्था को आजीविका से जोड़ा जा सकता है और लाखों लोगों के जीवन को बदला जा सकता है।’
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘आयोजन संपन्न होने के बाद 27 फरवरी को मैं प्रयागराज गया था। वहां सबसे पहले मां गंगा के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित करने के लिए दोनों उप मुख्यमंत्री व अन्य मंत्रियों संग स्वच्छता अभियान चलाया। फिर मां गंगा का पूजन कर कृतज्ञता ज्ञापित की, क्योंकि इतना बड़ा आयोजन उन्हीं की कृपा से संपन्न हुआ। उन्होंने कहा, ‘इसके बाद सफाई कर्मियों का सम्मान व सहभोज भी किया। उनके न्यूनतम वेतन की मांग को जल्द (अप्रैल) लागू करने जा रहे हैं। उनके लिए बोनस की भी घोषणा की।’ आदित्यनाथ ने सफाई और ठेका कर्मचारियों से आग्रह किया कि वे सुनिश्चित करें कि उनके बच्चों को उचित शिक्षा मिले। उन्होंने सलाह दी, ‘अपने बच्चों को स्कूल भेजें। अगर आपमें कोई बुरी आदत है, तो उसे अपने बच्चों में न आने दें। उन्हें अच्छी शिक्षा दें और समर्पण के साथ काम करें।’