दुष्कर्म मामले में सीतापुर जेल में बंद सांसद राकेश राठौर को मिली जमानत, जेल से बाहर आए

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कांग्रेस सांसद राकेश राठौर दुष्कर्म मामले में स्थानीय अदालत द्वारा जमानत दिए जाने के एक दिन बाद बुधवार सुबह सीतापुर जेल से रिहा हो गए। राठौर को 30 जनवरी को गिरफ्तार किया गया था और तभी से वह जेल में बंद थे। जेल से बाहर निकलते समय सांसद ने अपनी बेगुनाही का दावा करते हुए कहा, ‘अगर मैंने यह पाप किया है तो जितनी कड़ी सजा उन्होंने मेरे लिए मांगी हैं मैं ईश्वर से उससे भी कड़ी सजा मांगता हूं।’ राठौर ने अपने समर्थकों का आभार व्यक्त किया। उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘सभी का धन्यवाद और भगवान का भी कोटि-कोटि धन्यवाद। मैं उन सभी का भी आभार व्यक्त करता हूं, जिन्होंने मेरी रिहाई के लिए प्रार्थना की।’

इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ ने भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 64 के तहत दर्ज दुष्कर्म मामले में 11 मार्च को राठौर को जमानत दे दी थी। हालांकि, उसी दिन सीतापुर पुलिस ने बीएनएस की धारा 69 (धोखे से यौन संबंध बनाना) जोड़ते हुए आरोपपत्र दाखिल किया, जिसमें अधिकतम 10 साल की सजा का प्रावधान है। आरोपपत्र दाखिल किए जाने से राठौर की तत्काल रिहाई रुक गई और उन्हें अधीनस्थ अदालत में फिर से जमानत के लिए आवेदन दाखिल करना पड़ा। मंगलवार को मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट गौरव प्रकाश ने धारा 69 के मामले में उन्हें जमानत दे दी। सांसद के वकील विजय कुमार सिंह ने बताया कि उनकी ओर से अदालत में एक-एक लाख रुपये के दो जमानती बॉण्ड पेश किए गए।

पुलिस और अभियोजन पक्ष के अनुसार राठौर पर 45 वर्षीय महिला से शादी का झांसा देकर और राजनीतिक करियर में मदद का वादा करके दुष्कर्म करने का आरोप है। सांसद को उनके आवास से 30 जनवरी को उस समय हिरासत में लिया गया, जब वह आरोपों पर अपना रुख स्पष्ट करने के लिए एक प्रेस वार्ता को संबोधित कर रहे थे। एक सवाल के जवाब में सांसद राठौर ने कांग्रेस से समर्थन नहीं मिलने के दावा को खारिज कर दिया। उन्होंने कहा, ”ऐसा नहीं है। राहुल (गांधी) जी मेरे परिवार के साथ लगातार संपर्क में थे। मैंने इस मामले में पार्टी को शामिल न करने का फैसला किया क्योंकि विपक्ष इस मुद्दे का राजनीतिकरण करना चाहता था, जो मैं नहीं चाहता था।” उन्होंने अपने मतदाताओं को संबोधित करते हुए कहा, ”जिस तरह से मैं लोगों की सेवा कर रहा था, मैं उनके बीच न होने के लिए माफी मांगता हूं।

उन्होंने (जनता ने) मुझे सांसद चुनकर अपनी सेवा की जिम्मेदारी दी है और मैं उस कर्तव्य को पूरा नहीं कर सका। लेकिन अब से मैं दिन-रात लोगों की सेवा के लिए पूरी तरह समर्पित रहूंगा।” जेल के बाहर सांसद के भाई अनिल राठौर ने संवाददाताओं से कहा, ”हमें जल्द से जल्द जमानत मिल गई और हम व्यवस्था के आभारी हैं। सांसद, उनके शुभचिंतक और समर्थक बहुत खुश हैं।

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