सहारनपुर जिले के सरसावा थाने में दस साल पहले घेराव कर राष्ट्रीय राजमार्ग को अवरुद्ध करने, सरकारी कार्य में बाधा पहुंचाने तथा तोड़फोड़ करने जैसी धाराओं में गिरफ्तार नाहिद हसन की जमानत अर्जी अदालत ने निरस्त कर दी। नासीद हसन कैराना से समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार है।
ज्ञात हो कि नाहिद हसन को पुलिस ने दो फरवरी 2022 को गिरफ्तार कर जेल भेजा था। तब से वे मुजफ्फरनगर जिला कारागार में निरुद्ध है। नाहिद पर थाना सरसावा सहारनपुर में भी एक मुकदमा विचाराधीन था। पांच जुलाई 2012 को थाना सरसावा में हुई इस घटना में आरोप लगा कि एक मामले में पैरवी करते हुए नाहिद हसन ने अपने समर्थकों के साथ थाना सरसावा का घेराव किया। वह लगा बोर्ड तोड़ा, सड़क पर जाम लगा दिया। जिससे लोगों में भय उत्पन्न हो गया। यही नहीं उनके इस कृत्य से सांप्रदायिक सौहार्द बिगड़ने की स्थिति पैदा हो गई और सरकारी कार्य में बाधा पहुंची। पिछले 10 साल से इस मामले में नाहिद हसन ने जमानत नहीं कराई थी।
नाहिद हसन के खिलाफ थाना सरसावा में मुकदमा अपराध संख्या 225/2012 अंतर्गत धारा 147, 341, 342, 188, 504, 427, 353, 283 आईपीसी, 2/3 लोक संपत्ति क्षति निवारण अधिनियम एवं सात क्रिमिनल लॉ एमेण्डमेन्ट अधिनियम दर्ज किया गया था। इस मामले में नाहिद हसन की ओर से जमानत प्रार्थना पत्र प्रस्तुत कर, दौरान वाद जमानत पर अवमुक्त किये जाने की याचना की गई। विशेष लोक अभियोजक गुलाब सिंह ने बताया की अभियोजन पक्ष ने जमानत का विरोध किया। नाहिद दो फरवरी 2022 से जिला कारागार मुजफ्फरनगर में बंद है। अदालत ने आरोपित अभियुक्त पर लगे आरोप गम्भीर व अजमानतीय प्रकृति के माने।इस मामले के बाकी 10 आरोपितों के जमानत प्रार्थनापत्र 17 जनवरी 2013 को निरस्त किया जा चुके थे। इसी के चलते नाहिद हसन पर लगाये गये आरोप एवं मामलें के तथ्यों एवं परिस्थितियों को देखते हुए नाहीद हसन का जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किया गया।


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