शहरों में बढ़ती आबादी के बोझ से निपटने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार एक लाख से अधिक आबादी वाले हर शहर में मल-जल शोधन संयंत्र (एसटीपी) स्थापित करेगी। सरकार ने अगले दो वर्षों में उत्तर प्रदेश की 70 प्रतिशत आबादी के लिए एसटीपी बनाने का लक्ष्य निर्धारित कर लिया है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बृहस्पतिवार को बताया कि स्वच्छ भारत मिशन (शहरी) 2.0 के तहत राज्य सरकार ने हाल ही में राज्य के 160 शहरी निकायों में बड़ी आबादी को मल-जल की समस्या से राहत देने के लिए शहर स्वच्छता कार्य योजना को मंजूरी दे दी है।
उन्होंने बताया कि इसके बाद एक विस्तृत शहर स्वच्छता कार्ययोजना, राज्य में मल-जल प्रबंधन का पूरा विवरण प्रस्तुत करने, सीवर नेटवर्क की वर्तमान स्थिति, एसटीपी रिपोर्ट, नगर निकायों के मुख्य नालों और नालों के आंकड़े, अंतराल विश्लेषण, चाक-चौबंद करने यह काम किए जाएंगे और लक्ष्य के अनुरूप रणनीति बनाई जाएगी। अधिकारी ने बताया कि उत्तर प्रदेश सरकार राज्य में स्वच्छता और आबादी के हिसाब से शहरों में सुविधाओं को मजबूत करने को लेकर कई योजनाओं को लागू कर रही है। उनका कहना था कि कई क्षेत्रों में एसटीपी की स्थापना से सीवरेज की समस्या का भी समाधान हो गया है, जबकि सरकार बड़े शहरों के लिए मिशन मोड पर कार्य योजना तैयार कर रही है।
अधिकारी ने कहा कि ऐसा अनुमान है कि हर जिले का सिर्फ 30 प्रतिशत हिस्सा ही नगरीय क्षेत्र है, जहाँ जिले की 50 प्रतिशत से अधिक जनसंख्या निवास करती है, इसलिए सरकार घनी आबादी वाले इलाकों में सीवर लाइन और सीवेज ट्रीटमेंट सुविधाओं को मजबूत करने पर ध्यान दे रही है। उन्होंने कहा कि एक लाख की आबादी वाले हर निकाय में मल-जल शोधन संयंत्र स्थापित करने के अलावा, सरकार की योजना पम्पिंग स्टेशन और पर्याप्त संख्या में सेप्टिक टैंक बनाने की भी है। इनके लिए धनराशि राज्य सरकार, शहरी स्थानीय निकायों और 15वें वित्त आयोग द्वारा उपलब्ध कराई जाएगी।