उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पिछले हफ्ते स्नातक स्तर की परीक्षा में कथित प्रश्नपत्र लीक के खिलाफ देहरादून के परेड ग्राउंड में प्रदर्शन कर रहे युवाओं से सोमवार को मुलाकात की और उन्हें मामले की सीबीआई जांच की सिफारिश करने का आश्वासन दिया। धामी ने बताया कि उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश की निगरानी में एक विशेष जांच दल (एसआईटी) ने उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की ओर से आयोजित परीक्षा में प्रश्नपत्र लीक से जुड़े आरोपों की जांच शुरू कर दी है। उन्होंने कहा कि चूंकि छात्र अभी भी मामले की जांच केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) से कराने की मांग कर रहे हैं, इसलिए सरकार इसकी सिफारिश करेगी। धामी ने कहा, “इस मामले में कोई अड़चन नहीं आएगी।
सरकार युवाओं के मन में कोई संदेह या आशंका नहीं छोड़ना चाहती है।” उन्होंने कहा कि सरकार का एकमात्र संकल्प पूरी तरह से पारदर्शी परीक्षा प्रक्रिया सुनिश्चित करना है। मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले चार वर्षों में उठाए गए कदम, जिनमें राज्य में देश का सबसे कठोर नकल विरोधी कानून लागू करना और लगभग सौ नकल माफिया की गिरफ्तारी शामिल है, इसी संकल्प के अनुरूप हैं। उन्होंने कहा कि सरकार ने पिछले चार वर्षों में पारदर्शी तरीके से 25,000 से अधिक सरकारी भर्तियां की हैं और इन्हें लेकर कोई शिकायत नहीं आई है। धामी ने कहा कि प्रश्नपत्र लीक की शिकायत केवल एक मामले में की गई है, इसलिए सरकार युवाओं के मन से सभी संदेह दूर करने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है।
युवाओं का दृष्टिकोण सुनने के बाद मुख्यमंत्री ने कहा कि वह उन्हें इस त्योहारी मौसम में भीषण गर्मी में विरोध-प्रदर्शन करते देख दुखी हैं। धामी ने कहा कि वह चाहते तो यह बातचीत अपने कार्यालय में भी कर सकते थे, लेकिन युवाओं की पीड़ा को देखते हुए उन्होंने प्रदर्शन स्थल पर पहुंचकर उनसे मिलने का फैसला किया। मुख्यमंत्री ने रविवार को कहा था कि जरूरत पड़ने वह कथित प्रश्नपत्र लीक मामले की सीबीआई सहित किसी भी एजेंसी से जांच कराने के लिए तैयार हैं, लेकिन पहले एसआईटी को अपनी जांच पूरी करने का मौका दिया जाना चाहिए। धामी ने प्रदर्शनकारी युवाओं को भरोसा दिलाया कि अगर विरोध-प्रदर्शन के दौरान उनके खिलाफ कोई मामला दर्ज किया गया है, तो उसे वापस ले लिया जाएगा।