UP Assembly Election: 42 साल बाद कांग्रेस का किला ढहा पाएगी भाजपा? जानें रामपुर खास सीट का समीकरण

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UP Chunav: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में रामपुर खास सीट को बचाए रखने के लिए कांग्रेस उम्मीदवार आराधना मिश्रा जी तोड़ कोशिश कर रही हैं और उन्हें इस सीट से चुनाव जीतने का पूरा भरोसा है। लेकिन इस बार लड़ाई कठिन है क्योंकि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) 42 साल बाद कांग्रेस के किले को गिराने की जी तोड़ कोशिश करते हुए दिखाई दे रही है। आराधना के पिता प्रमोद तिवारी रामपुर से 1980 में पहली बार विधानसभा का चुनाव जीते और इसके बाद लगातार नौ बार चुनाव जीते। 2013 में राज्‍यसभा सदस्‍य चुने जाने के बाद तिवारी की बेटी आराधना मिश्रा मोना इस क्षेत्र में 2014 में हुए उपचुनाव में जीतीं और 2017 में भी उन्होंने अपनी जीत बरकरार रखी।

भारतीय जनता पार्टी इस बार उनकी राह रोकने के लिए उम्मीद से भरी है, लेकिन कांग्रेस विधायक दल की नेता ने अपनी जीत का भरोसा जताया। मोना ने कहा, यह मेरा घर है और सबसे कठिन समय में भी यह हमारे साथ रहा है। जब मेरे पिता ने 1980 में पहला चुनाव लड़ा था तो मैंने उनके लिए स्थानीय लोगों का हाथ पकड़कर वोट मांगा था और उनसे मैं आज भी निर्वाचन क्षेत्र में अक्सर मिलती हूं। रामपुर खास में 27 फरवरी को मतदान होना है और आराधना अपनी चुनावी तैयार में व्‍यस्‍त हैं। लगभग 46,000 ब्राह्मणों, 40,000 क्षत्रिय, 44,000 यादवों, 40,000 कुर्मी, 24,000 मुस्लिम और 50,000 दलितों के साथ 2.78 लाख से अधिक मतदाताओं वाली इस सीट पर कांग्रेस और भाजपा में सीधे मुकाबले के आसार दिख रहे हैं।

भाजपा इस सीट पर पिछली बार केवल 17 हजार मतों के अंतर से पराजित हुई थी। भाजपा ने नागेश प्रताप सिंह उर्फ छोटे सरकार को उम्मीदवार बनाया है लेकिन यहां समाजवादी पार्टी ने मिश्रा के खिलाफ कोई उम्मीदवार नहीं उतारा है। कुर्मी वोट बैंक पर नजर रखते हुए बसपा ने बांके लाल पटेल को इस सीट से उतारा है। आराधना मिश्रा के कार्यालय प्रभारी बृजेश द्विवेदी ने कहा, 2017 के विधानसभा चुनाव में मोदी लहर थी, लेकिन इस बार स्थिति अलग है, यहां चुनाव नेताजी (प्रमोद तिवारी) के नाम पर लड़ा जाता है।

भाजपा उम्मीदवार के चुनावी प्रचार को परिवारवाद के आरोपों के इर्द-गिर्द केंद्रित करने से वाकिफ आराधना मिश्रा ने हाल ही में भटनी में एक चुनावी सभा में टिप्पणी की थी कि उन्होंने और उनके पिता दोनों ने शासन नहीं किया बल्कि लोगों की सेवा की है। आरोपों से बेफिक्र होकर उन्होंने अपने बेटे राघव मिश्रा को भी लोगों की सेवा में उतारा। मोना ने कहा, मेरे विरोधियों का आरोप है कि मेरे पिता ने 37 वर्षों तक रामपुर खास पर शासन किया है लेकिन हमने शासन नहीं किया, हमने सेवा की है। मैं अब अगली पीढ़ी को भी आप सभी की सेवा के लिए लाई हूं। मैंने अपनी अगली पीढ़ी अपने बेटे राघव मिश्रा को आपके आशीर्वाद और रामपुर खास की सेवा में समर्पित कर दिया है।

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