आगरा। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों के पहले चरण का मतदान जारी है। आगरा जिले की नौ विधानसभा सीटों पर 107 प्रत्याशियों दांव आजमा रहे हैं। इन सभी का आज शाम तक भाग्य का फैसला ईवीएम में कैद हो जाएगा। आगरा में नौ बजे तक 7.53 प्रतिशत वोटिंग हो चुकी है। बता दें कि ज्यादातर सीटों पर आमने-सामने की टक्कर है। कहीं-कहीं संघर्ष त्रिकोणीय नजर आ रहा है। हर प्रत्याशी अपना मुकाबला भाजपा से मानकर चल रहा है।
सभी नौ विधानसभा सीटों पर पिछले चुनावों में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) विजयी रही थी। इस बार भी भाजपा पुरानी स्थिति का बनाए रखने के लिए जी-तोड़ कोशिश कर रही है। वर्ष 2017 में हुए विधानसभा चुनावों में जिले की नौ सीटों पर 211 प्रत्याशी मैदान में थे, लेकिन इस बार केवल 107 प्रत्याशी ही मैदान में हैं। कुल 34.61 लाख मतदाता इन प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला करेंगे। जिले में तीन शहरी सीटों को लेकर भाजपा समर्थक आश्वस्त नजर आ रहे हैं। देहात की छह सीटों पर संघर्ष दिखाई दे रहा है। एत्मादपुर सीट पर बसपा से कड़ी टक्कर है। पांच सीटों पर सपा-रालोद गठबंधन के प्रत्याशियों से निकट का मुकाबला है लेकिन कुछेक सीटों को छोड़कर उलटफेर की सम्भावना कम ही नजर आ रही है।
उत्तर विधानसभा सीट पर भाजपा के पुरुषोत्तम खंडेलवाल फिर मैदान में हैं। यहां भाजपा के बड़ी संख्या में परंपरागत वोट होने के कारण उसका सिंहासन हिला पाना बेहद मुश्किल है। यहाँ टिकट वितरण के समय अग्रवालवाद की स्थिति बनी थी लेकिन बाद में अग्रवाल समाज के लोग पुरुषोत्तम के साथ आने लगे। कांग्रेस ने यहां से विनोद बंसल को टिकट देकर अग्रवाल समाज को लुभाने का प्रयास किया, लेकिन पूरे चुनाव में समाज के प्रमुख लोगों ने उनसे दूरी बनाये रखी। पुरुषोत्तम को सपा-रालोद प्रत्याशी ज्ञानेंद्र गौतम टक्कर देते दिख रहे हैं।
दक्षिण सीट से भाजपा के योगेंद्र उपाध्याय का मुकाबला सपा-रालोद गठबंधन के विनय अग्रवाल, बसपा के रवि भारद्वाज और कांग्रेस के अनुज शर्मा से है। तीनों विपक्षी दलों में मतों के विभाजन की उम्मीद के साथ योगेंद्र अपनी जीत के प्रति आश्वस्त नजर आ रहे हैं। हालांकि पिछले चुनाव के मुकाबले इस बार उनके लिए संघर्ष कड़ा है। छावनी सीट पर भाजपा के डॉ. जीएस धर्मेश, सपा-रालोद गठबंधन के कुंवर चंद वकील, बसपा के भारतेंदु अरुण और कांग्रेस के सिकंदर के बीच मुकाबला है। यहाँ धर्मेश को लेकर मतदाताओं में कुछ नाराजगी रही है, लेकिन मोदी-योगी की छवि के सहारे वे अपनी नैया पार होने की उम्मीद लगाये हैं। उनका मुख्य मुकाबला कुंवर चंद वकील से माना जा रहा है।
मीण सीट पर पूर्व राज्यपाल व भाजपा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बेबीरानी मौर्य को सपा-रालोद गठबंधन के महेश जाटव, बसपा की किरण प्रभा और कांग्रेस के उपेंद्र सिंह से टक्कर मिल रही है। बड़ा क्षेत्र होने के कारण बेबीरानी सभी जगहों पर नहीं पहुंच पाईं, ऐसे में वे भी मोदी-योगी की छवि और कार्यकर्ताओं के सहयोग के भरोसे सीट निकालने की उम्मीद लिए हुए हैं। फतेहपुर सीकरी सीट पर भाजपा के चौधरी बाबूलाल, सपा-रालोद के ब्रजेश चाहर, बसपा के मुकेश राजपूत और कांग्रेस के हेमंत चाहर के बीच मुकाबला है। मुख्य संघर्ष भाजपा और सपा-रालोद गठबंधन के बीच दिख रहा है, लेकिन दो जाटों की लड़ाई में बसपा अपना फायदा तय मानकर चल रही है।
फतेहाबाद सीट से भाजपा के छोटेलाल वर्मा, सपा-रालोद से रूपाली दीक्षित, बसपा से शैलेंद्र प्रताप, कांग्रेस से होतम सिंह मैदान में हैं। यहां भाजपा को सपा-रालोद से कड़ी टक्कर मिल रही है। बाह सीट से भाजपा की पक्षालिका सिंह, सपा-रालोद के मधुसूदन शर्मा, बसपा के नितिन वर्मा, कांग्रेस की मनोज दीक्षित मुख्य मुकाबले में हैं। एत्मादपुर सीट पर भाजपा के डॉ. धर्मपाल सिंह, सपा-रालोद के वीरेंद्र सिंह चौहान, बसपा के प्रबल प्रताप उर्फ राकेश बघेल, कांग्रेस की शिवानी बघेल मुख्य संघर्ष में हैं। खेरागढ़ सीट पर भाजपा के भगवान सिंह कुशवाह, सपा-रालोद के रौतान सिंह, बसपा के गंगाधर कुशवाह, कांग्रेस के रामनाथ सिकरवार मुख्य मुकाबले में हैं।