उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ्र ने सौर ऊर्जा क्रांति की ओर बढ़ रहे प्रदेश में आगामी पांच वर्षों के लक्ष्य को पूरा करने के लिए नयी सौर नीति तैयार किये जाने के निर्देश रविवार को दिए। मुख्यमंत्री ने यहां रविवार को एक उच्च स्तरीय बैठक में प्रदेश की ऊर्जा आवश्यकताओं की समीक्षा की। सौर ऊर्जा प्रकल्पों को बढ़ावा देने की जरूरत पर जोर देते हुए मुख्यमंत्री ने नई सौर ऊर्जा नीति तैयार करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि पर्यावरण संरक्षण के प्रति प्रतिबद्धता और बढ़ती ऊर्जा जरूरतों की पूर्ति के लिए गैर पारंपरिक ऊर्जा विकल्पों को प्रोत्साहन दिया जाना आवश्यक है। सौर ऊर्जा इस दृष्टि से अत्यंत उपयोगी माध्यम है। यद्यपि विगत वर्षों में इस दिशा में प्रयास हुए हैं, किंतु ऊर्जा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता के लक्ष्य के लिए हमें और नियोजित व तेज प्रयास करना होगा। प्रदेश में सौर ऊर्जा उत्पादन को प्रोत्साहित करने के लिए ठोस प्रयास किया जाना आवश्यक है। पारंपरिक ऊर्जा विकल्पों पर अपनी निर्भरता न्यूनतम करनी होगी। ऐसे में भविष्य की जरूरतों के दृष्टिगत नई सौर ऊर्जा नीति तैयार की जाए। हमारा लक्ष्य अगले 05 वर्ष में 22,000 मेगावॉट सोलर पॉवर उत्पादन का होना चाहिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में उत्तर प्रदेश सरकार ने अयोध्या को ‘मॉडल सोलर सिटी’ के रूप में विकसित करने की महत्वपूर्ण योजना पर काम कर रही है। यह परियोजना अन्य शहरों के लिए मानक प्रस्तुत करेगी। इस सम्बंध में सभी जरूरी प्रयास समयबद्ध ढंग से किए जाएं। सौर ऊर्जा उत्पादन और भंडारण के क्षेत्र में निजी क्षेत्र के निवेश के लिए अनुकूल माहौल देना होगा। परियोजनाओं को समयबद्ध रूप से पूर्ण करने के लिए सिंगल विंडो प्रणाली लागू की जाए। सौर ऊर्जा क्षेत्र की निवेशकर्ता कंपनियों के लिए भूमि की सुलभ उपलब्धता, पूंजीगत उपादान सहित सभी जरूरी सहयोग उपलब्ध कराए जाएंगे। नवीन सौर ऊर्जा नीति तैयार करते समय औद्योगिक जगत से परामर्श जरूर करें। निवेशकर्ता संस्थाओं/कंपनियों की जरूरतों को समझें। सभी पक्षों की राय लेते हुए व्यापक विमर्श के बाद नवीन नीति तैयार की जाए। भवनों की छत पर सौर ऊर्जा प्लांट लगाए जाने के लिए जनजागरूकता को बढ़ाना होगा। इस सम्बंध में जिलों में मुख्य विकास अधिकारी की अध्यक्षता में एक सोलर सेल का गठन किया जाए। सभी सौर परियोजनाओं का पंजीकरण अनिवार्य किया जाए।
सभी शासकीय, आवासीय, सार्वजनिक क्षेत्र, निजी व्यावसायिक भवनों, शक्षिण संस्थानों में रूफटॉप सोलर पॉवर प्लांट लगाने के लिए लोगों को प्रोत्साहित किया जाए। वॉटर बॉडी पर भी सोलर प्लांट लगाया जाना चाहिए। इन्हें आवश्यकतानुसार नेट बिलिंग/नेट मीटरिंग की व्यवस्था से जोड़ा जाना चाहिए। कारागार में बंद कैदियों को सौर ऊर्जा उपकरण बनाने के लिए प्रशिक्षण दिया जाए। सौर ऊर्जा पैनल, एलईडी बल्ब आदि बनाने के लिए इनका उपयोग किया जाना चाहिए। सोलर रूफटॉप मॉडल को अपनाने और लागू करने के लिए एमएसएमई और स्टार्टअप को बढ़ावा दिया जाना उपयोगी होगा।