उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में मैनपुरी जिले के करहल सीट से नवनिर्वाचित समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष अखिलेश यादव आजमगढ़ के सांसद बने रहना पसंद कर सकते है जबकि करहल से पूर्व विधायक सोबरन सिंह की उप चुनाव में फिर से दावेदारी ठोकने की संभावना है। सपा के सूत्रों ने सोमवार को बताया कि करहल विधानसभा में अपना पहला चुनाव जीते सपा अध्यक्ष लोकसभा के सदस्य बने रहना चाहेंगे। यह फैसला दो साल बाद होने वाले लोकसभा चुनाव के परिपेक्ष्य में लिया जा सकता है हालांकि यह अभी सिर्फ कयास हैं और समय आने पर इस बाबत आधिकारिक घोषणा की जाएगी। गौरतलब है कि आजमगढ़ जिले में सपा ने सभी दस सीटों पर ऐतिहासिक जीत हासिल की है और इसके लिए सपा अध्यक्ष ने बतौर क्षेत्रीय सांसद वहां की जनता के प्रति आभार भी जताया है।
उन्होंने कहा कि श्री यादव के स्थान पर सपा के वरिष्ठ नेता और करहल में चार बार विधायक रहे सोबरन सिंह प्रबल दावेदार होंगे हालांकि इस सीट पर भाजपा से सपा में आये पूर्व मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य के नाम पर भी विचार किये जाने की संभावना है। मौर्य फाजिलनगर से भाजपा उम्मीदवार के हाथों परास्त हो चुके हैं और सपा की कोशिश होगी कि उन्हे करहल के रास्ते विधानसभा में प्रवेश दिलाया जाए। सूत्रों के मुताबिक यदि सपा अध्यक्ष विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा देते हैं तो नेता प्रतिपक्ष की भूमिका के लिए किसी प्रभावशाली नेता का चुनाव किया जाएगा। पिछले पांच साल श्री रामगोविंद चौधरी ने नेता प्रतिपक्ष के तौर पर प्रभावी छाप छोड़ी है मगर चूंकि वह चुनाव हार गए हैं, इसलिए अन्य विकल्पों पर विचार किया जाएगा। गौरतलब है कि विधानसभा चुनाव में सपा ने 111 सीटों पर जीत हासिल की थी जबकि भाजपा को 255 सीटें मिली थी। अखिलेश ने अपने राजनीतिक जीवन का पहला विधानसभा चुनाव लड़ा और उन्होंने भाजपा उम्मीदवार और पूर्व केन्द्रीय मंत्री एसपी सिंह बघेल को 67,504 मतों से हराया।