बुलंदशहर। वर्ष 2017 में बुलंदशहर की सभी सात सीटों पर भगवा लहराने वाली भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) मौजूदा विधानसभा चुनाव में चार नये चेहरों के साथ अपना गढ़ बचाने की पुरजोर कोशिश कर रही है, हालांकि किसान आंदोलन, महंगाई और बेरोजगारी के मुद्दों के साथ ताल ठोक रहे विपक्षी दलों के सामने उसे कड़कड़ाती ठंड में पसीना बहाना पड़ रहा है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर जिले की सात सीटों शिकारपुर, बुलंदशहर, सिकंदराबाद, अनूपशहर, स्याना, डिबाई और खुर्जा में 10 फरवरी को वोट डाले जायेंगे। महाभारत काल के दानवीर कर्ण की धरती बुलंदशहर चीनी मिट्टी के बर्तनों के लिये भी देश दुनिया में प्रसिद्ध है हालांकि यहां खेती किसानी एक प्रमुख व्यवसाय है।
जानकारों का मानना है कि जाट, मुस्लिम, दलित, लोधी और राजपूत बाहुल्य आबादी वाले इस जिले में 2017 के चुनाव में मोदी की सुनामी ने विपक्ष का सूपड़ा साफ कर दिया था हालांकि इस बार हालात तनिक जुदा हैं। कोरोना काल के दौरान बड़ी संख्या में लोग बेरोजगारी का दंश झेलने को मजबूर हुए, वहीं मंहगाई और किसान आन्दोलन की आंच ने भी सत्तारूढ़ दल को लेकर मतदाताओं के मन मस्तष्कि पर प्रतिकूल प्रभाव डाला है, हालांकि कानून-व्यवस्था को लेकर मतदाता योगी सरकार की तारीफ भी कर रहे हैं। इस बार भाजपा ने अपने चार मौजूदा प्रत्याशियों के टिकट काटकर उनके स्थान पर नऐ चेहरों पर दांव खेला है।
जिले की सबसे हॉट सीट शिकारपुर बनी है जहां कुल नौ प्रत्याशी चुनाव मैदान में है, मगर मुख्य मुकाबला योगी सरकार के राज्य मंत्री अनिल शर्मा और समाजवादी पार्टी (सपा)-राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) प्रत्याशी एवं पांच बार के विधायक पूर्व कैबिनेट मंत्री प्रोफेसर किरण पाल सिंह के बीच होने के आसार हैं। इस सीट पर बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के रफीक फंडडा और कांग्रेस के जियाउर रहमान समेत नौ प्रत्याशी हैं। बुलंदशहर, सिकंदराबाद और अनूपशहर सीट पर 11-11,शिकारपुर पर नौ प्रत्याशी, स्याना और खुर्जा सुरक्षित सीट पर आठ-आठ तथा डिबाई सीट पर सबसे कम सात प्रत्याशी हैं।
बुलंदशहर सदर सीट पर सबसे अधिक 398260 मतदाता हैं। इस सीट पर भाजपा के प्रदीप चौधरी, रालोद के हाजी यूनुस, कांग्रेस के सुशील चौधरी, आम आदमी पार्टी (आप) के विकास शर्मा, बहुजन समाज पार्टी के मोबिन कल्लू कुरैशी समेत कुल 11 प्रत्याशी हैं। इस सीट पर भाजपा ने अपनी मौजूदा विधायक उषा सिरोही का टिकट काटकर प्रदीप चौधरी को उम्मीदवार बनाया है। एक वर्ष पूर्व हुए उपचुनाव में भाजपा की उषा सिरोही ने 21000 से अधिक वोटों से बसपा के हाजी यूनुस को हराया था। वे अब रालोद के प्रत्याशी हैं। उनके भाई हाजी अलीम 2007 और 2012 में बसपा के टिकट पर इस सीट से दो बार विधायक बने हैं। इस सीट पर मुस्लिम करीब 31 प्रतिशत हैं।
सिकंदराबाद सीट पर भाजपा के लक्ष्मी राज सिंह का मुकाबला कांग्रेस के सलीम अख्तर, सपा के राहुल यादव, बसपा के मनवीर गुर्जर, आप के दर्शन शर्मा और एआईएमआईएम के दिलशाद अहमद से है। राहुल बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के सगे दामाद हैं। भाजपा ने मौजूदा विधायक विमला सोलंकी का टिकट काट कर उनके स्थान पर युवा नेता लक्ष्मी राज सिंह को टिकट दिया है। पिछले चुनाव में विमला सोलंकी ने बसपा के हाजी इमरान को 28623 वोट से पराजित किया था।
अनूपशहर सीट पर भाजपा के मौजूदा विधायक संजय शर्मा के अलावा राष्ट्रवादी कांग्रेस से के. के. शर्मा, बसपा से रामेश्वर लोधी, कांग्रेस से चौधरी गजेंद्र सिंह, आप से हरेंद्र सिंह, आजाद समाज पार्टी से साकिर और शिवसेना की रश्मि चुनाव मैदान में। एनसीपी के केके शर्मा अपनी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव है। वर्ष 2017 में संजय शर्मा ने 46522 वोट से बसपा के चौधरी गजेंद्र सिंह को हराया था, जो 2007 और 2012 में इसी सीट से बसपा के टिकट पर विधायक बने थे। इस बार वह कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं। अनूपशहर में जाट मतदाताओं की संख्या 16 प्रतिशत मुस्लिम 14 प्रतिशत, अनुसूचित जाति के मतदाता 16 प्रतिशत ,लोधी राजपूत 10 प्रतिशत और वैश्य, ब्राह्मण मतदाताओं की संख्या भी 10 प्रतिशत है।
स्याना सीट पर भाजपा ने अपने मौजूदा विधायक देवेंद्र सिंह लोधी पर भरोसा जताया है। इसके अलावा रालोद गठबंधन के दिलनवाज खान बसपा के सुनील भारद्वाज ,कांग्रेस की पूनम पंडित और आम आदमी पार्टी के सतवीर सिंह सहित आठ प्रत्याशी चुनाव लड़ रहे हैं । दिलनवाज के दादा मुमताज मोहम्मद खान और पिता इम्तियाज खान इस सीट से कई कई बार विधायक रहे हैं। वर्ष 2017 के चुनाव में जिले की चुनावी इतिहास में सबसे अधिक 71545 वोटों के अंतर से भाजपा के देवेंद्र सिंह लोधी ने बसपा के दिलनवाज खान को हराया था। इस सीट पर लोधी राजपूत मतदाता 22 प्रतिशत है, वहीं मुस्लिम मतदाताओं की संख्या 18 प्रतिशत है ,अनुसूचित जाति के मतदाता भी 15 प्रतिशत हैं। इनके अलावा जाट, राजपूत ,त्यागी , ब्राह्मण और गुर्जर मतदाताओं का भी हार-जीत में काफी महत्व है।
जिले की डिबाई सीट पर कुल सात प्रत्याशी हैं। भाजपा ने मौजूदा विधायक डॉ अनीता लोधी का टिकट काटकर चंद्रपाल सिंह लोधी को खड़ा किया है, वही सपा के टिकट पर हरीश लोधी, कांग्रेस की सुनीता शर्मा, बसपा के करण पाल सिंह और अन्य प्रत्याशी चुनाव मैदान में हैं। लोधी बहुल यह सीट पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह का गढ़ मानी जाती रही है लेकिन 2007 के चुनाव में बसपा के टिकट पर और 2012 में सपा के टिकट पर गुड्डू पंडित ने कल्याण के पुत्र राजवीर सिंह को हराया था। खुर्जा सुरक्षित सीट पर आठ उम्मीदवार चुनाव लड़ रहे हैं, इनमें भाजपा ने अपने मौजूदा विधायक बिजेंदर खटीक का टिकट काटकर मीनाक्षी सिंह को उम्मीदवार बनाया है, वहीं सपा के बंसी सिंह पहाड़िया,कांग्रेस के टूकी मल खटीक और बसपा के विनोद प्रधान के अलावा अन्य प्रत्याशी चुनाव मैदान में अपनी कस्मित आजमा रहे हैं। इस सीट पर तीन लाख 87 हजार 328 मतदाता हैं।