श्रमजीवी ट्रेन विस्फोट कांड के दो अन्य दोषियों को भी सुनाई गई फांसी की सजा

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जौनपुर। जौनपुर की अपर सत्र अदालत ने जुलाई 2005 में जिले के हरपालगंज रेलवे स्टेशन के पास श्रमजीवी एक्सप्रेस ट्रेन में हुए बम विस्फोट के मामले में आरोपी दो और लोगों को बुधवार को दोषी मानते हुए फांसी की सजा सुनाई। जिला शासकीय अधिवक्ता सतीश पाण्डेय ने बताया कि अपर सत्र न्यायाधीश राजेश कुमार राय की अदालत ने 28 जुलाई 2005 को जौनपुर के सिंगरामऊ के हरपालगंज रेलवे स्टेशन के पास श्रमजीवी एक्सप्रेस ट्रेन में हुए विस्फोट के मामले में बांग्लादेश के मूल निवासी हिलाल उर्फ हिलालउद्दीन और नाफिकुल विश्वास को सजा-ए-मौत सुनायी। उन्होंने बताया कि अदालत ने दोनों पर पांच-पांच लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है। उन्होंने बताया कि श्रमजीवी एक्सप्रेस ट्रेन बम विस्फोट कांड में कुल 14 लोगों की मौत हुई थी तथा 62 अन्य घायल हो गये थे।

जिला शासकीय अधिवक्ता ने बताया कि इस मामले में बांग्लादेश के ही रहने वाले आलमगीर तथा लश्कर-ए-तैयबा के आतंकवादी उबैद- उर-रहमान को भी अगस्त 2016 में फांसी की सजा सुनायी जा चुकी है। हालांकि इस सजा के खिलाफ दोनों की अपील उच्च न्यायालय में अभी लम्बित है। पाण्डेय ने बताया कि मामले के दो अन्य दोषियों नाफिकुल विश्वास और हिलाल को कड़ी सुरक्षा के बीच अपराह्न तीन बजकर 20 मिनट पर अदालत में पेश किया गया। उन्होंने बताया कि फैसले के बाद दोनों दोषियों को जेल भेज दिया गया। दोनों के मामले पर करीब छह साल से अंतिम बहस चल रही थी।

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