समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय महासचिव स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा है कि ‘ब्राह्मण धर्म’ को मानने वाली भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) इसे ही ‘हिंदू धर्म’ मानती है, जबकि ‘हिंदू धर्म’ कोई धर्म ही नहीं है। मौर्य ने कहा कि भाजपा आदिवासियों, दलितों और अन्य पिछड़ा वर्गों को हिंदू नहीं मानती है और केवल ब्राह्मणों को ही हिंदू धर्म से जोड़कर देखती है। मौर्य ने पीटीआई-भाषा को फोन पर दिए साक्षात्कार में भाजपा-नीत ‘एनडीए’ को ‘नन-डेमोक्रैटिक एलायंस’ (गैर-लोकतांत्रिक गठबंधन) की संज्ञा देते हुए कहा कि विपक्ष का गठबंधन ‘इंडिया’ आगामी आम चुनाव में केंद्र की नरेन्द्र मोदी सरकार को सत्ता से बेदखल करेगी। उन्होंने कहा, मैं शनिवार को आजमगढ़ में सपा द्वारा आयोजित ‘सामाजिक न्याय सम्मेलन’ में हिस्सा ले रहा था। जिस धर्म का भाजपा जिक्र करती है, वह कुछ और नहीं बल्कि हिन्दू धर्म है। वे (भाजपा) ब्राह्मण धर्म को ही हिन्दू धर्म मानते हैं। उन्होंने कहा, जब वे 90 फीसदी आबादी वाले आदिवासियों, दलितों और पिछड़ों को हिंदू नहीं मानते, तो सिर्फ 10 फीसदी लोगों के बयान से क्या यह हिंदू धर्म बन जाएगा? यह ब्राह्मण धर्म है और इसकी सर्वोच्चता बरकरार रखने के लिए वे आदिवासियों, दलितों और पिछड़ों का घृणित अपमान करते हैं।
मौर्य उत्तर प्रदेश में 2022 के विधानसभा चुनाव से एक माह पहले समाजवादी पार्टी में शामिल हो गये थे। उन्होंने पिछले रविवार को भी भाजपा पर ज्ञानवापी मस्जिद मुद्दे पर सांप्रदायिक भावनाएं भड़काने का आरोप लगाया था। मौर्य ने तब लखनऊ में संवाददाताओं से कहा था, वे (भाजपा) हर मस्जिद में एक मंदिर ढूंढ रहे हैं। यह उन्हें महंगा पड़ेगा, क्योंकि तब लोग हर मंदिर में एक बौद्ध मठ खोजना शुरू कर देंगे। जब उनसे पूछा गया कि विपक्ष का गठबंधन इंडिया भाजपा को हराने के लिए पूर्व में बनाए गए अन्य क्षेत्रीय गठबंधनों से कैसे अलग होगा, इस पर मौर्य ने कहा कि (विपक्ष का) गठबंधन अलग होगा, क्योंकि यह बिखरने वाले वोटों को इकट्ठा करेगा। मौर्य ने तर्क दिया था कि भाजपा 40-42 फीसदी वोटों के साथ सत्ता में आती रही है, जबकि विपक्ष के बाकी 60 फीसदी वोट अलग-अलग मंचों पर बंट जाते हैं।
‘इंडिया’ गठबंधन के साथ अब ये वोट एक ही मंच पर इकट्ठा होंगे। ओम प्रकाश राजभर के नेतृत्व वाली सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) के राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) में शामिल होने पर मौर्य ने पूछा, क्या वे आरोप धुल गए हैं, जो उन्होंने (राजभर ने) भाजपा के खिलाफ लगाए थे? मौर्य ने कहा कि 2022 के विधानसभा चुनाव से पहले उनके साथ सपा में शामिल हुए भाजपा के तत्कालीन नेता अब भी सपा के साथ जुड़े हुए हैं। उन्होंने कहा कि हाल ही में विधायक पद से इस्तीफा देकर सपा से भाजपा में शामिल हुए दारा सिंह चौहान एक अपवाद हैं।
मौर्य की बेटी एवं भाजपा की लोकसभा सदस्य संघमित्रा मौर्य के उस हालिया बयान पर कि वह अपने पिता को भाजपा में वापस लाने की कोशिश करेंगी। वरिष्ठ सपा नेता ने कहा कि उनकी बेटी अब भी राजनीति में एक नौसिखिया है और अपने पिता के बारे में बहुत कम जानती है। उन्होंने कहा, जब भी राष्ट्रीय स्तर पर गठबंधन हुए हैं, चाहे वह जनता पार्टी हो या जनता दल, दोनों सफल रहे थे और दोनों ने तत्कालीन सरकारों को उखाड़ फेंका था। ‘इंडिया’ भी भाजपा को सत्ता से उखाड़ फेंकेगा। वर्ष 2019 के मानहानि के एक मामले में कांग्रेस नेता राहुल गांधी की दोषसिद्धि पर उच्चतम न्यायालय की रोक के बारे में मौर्य ने कहा कि यह आदेश लोकतंत्र की जीत है और इससे न्यायपालिका में जनता का विश्वास बढ़ा है।