लखनऊ की विशेष (भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम) अदालत ने भ्रष्टाचार के एक मामले में भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के निलंबित अधिकारी मणिलाल पाटीदार की जमानत याचिका सोमवार को खारिज कर दी। विशेष अदालत की न्यायाधीश शालिनी सागर ने पाटीदार की जमानत याचिका खारिज कर दी। उन्होंने अपने आदेश में कहा कि पाटीदार पर लोक सेवक के पद पर रहते हुए गंभीर प्रकृति के अपराध को अंजाम देने का आरोप है, लिहाजा उन्हें जमानत नहीं दी जा सकती।
महोबा में पुलिस अधीक्षक रहे 2014 बैच के आईपीएस अधिकारी पाटीदार पर खनन व्यवसायी इंद्रकांत त्रिपाठी को आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप में मामला भी दर्ज है। यह मुकदमा 10 सितंबर 2020 को महोबा नगर कोतवाली में दर्ज कराया गया था। पाटीदार पिछले करीब ढाई साल से फरार हैं। उन पर एक लाख रुपये का इनाम भी घोषित है। उत्तर प्रदेश सरकार ने उनकी बर्खास्तगी की सिफारिश केंद्र सरकार को भेजी है। पाटीदार पर आरोप है कि उन्होंने बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे परियोजना पर काम कर रहे क्रशर व्यवसायी इंद्र कांत त्रिपाठी के सहयोगी अमित तिवारी को फोन कर उनसे प्रतिमाह दो लाख रुपये रिश्वत मांगी थी।