मशीन चोरी मामले में उच्चतम न्यायालय ने आजम खान और उनके बेटे को जमानत दी

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उच्चतम न्यायालय ने मशीन चोरी के एक मामले में उत्तर प्रदेश के पूर्व मंत्री आजम खान और उनके बेटे अब्दुल्ला आजम खान को जमानत दे दी है। इस मामले में जमानत से इनकार करने के इलाहाबाद उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती देते हुए उन्होंने उच्चतम न्यायालय का रुख किया था। न्यायमूर्ति एम. एम. सुंदरेश और न्यायमूर्ति राजेश बिंदल की पीठ ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय के उस आदेश को खारिज कर दिया जिसमें उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी गई थी। पीठ ने कहा, ”मामले के तथ्यों और परिस्थितियों जिसमें अपीलकर्ताओं द्वारा जेल में बिताई गई अवधि भी शामिल है, को ध्यान में रखते हुए हम आदेश को खारिज करने एवं अपीलकर्ताओं को जमानत देने के लिए तैयार हैं क्योंकि इस संबंध में आरोप पत्र पहले ही दाखिल किया जा चुका है।

पीठ ने 10 फरवरी के अपने आदेश में कहा, ”इसलिए आदेश को रद्द किया जाता है और अपीलकर्ताओं को उन शर्तों व नियमों के अधीन जमानत प्रदान की जाती है, जो अधीनस्थ अदालत की संतुष्टि के अनुरूप हों।” शीर्ष अदालत ने अधीनस्थ अदालत से अपीलकर्ताओं पर यह शर्त लगाने को कहा कि वे मुकदमे की कार्यवाही खत्म होने तक सहयोग करेंगे और गवाहों को प्रभावित करने या उन्हें अपने पक्ष में करने का कोई प्रयास नहीं करेंगे। पीठ ने कहा, ”अपीलकर्ताओं पर लगाई गई किसी भी शर्त के उल्लंघन के मामले में प्रतिवादी को जमानत रद्द करने का अनुरोध करने की स्वतंत्रता भी दी जाती है।

खान और उनके बेटे ने उच्च न्यायालय के 21 सितंबर के आदेश के खिलाफ शीर्ष अदालत का रुख किया था। खान, उनके बेटे और पांच अन्य के खिलाफ 2022 में आपराधिक मामला दर्ज किया गया था, जिसमें आरोप लगाया गया था कि उन्होंने सड़क साफ करने वाली मशीन चुरा ली थी, जिसे नगर पालिका परिषद, रामपुर जिले ने खरीदा था। यह भी आरोप लगाया गया था कि यह मशीन बाद में रामपुर स्थित खान के जौहर विश्वविद्यालय से बरामद की गई थी। उत्तर प्रदेश में सरकार बदलने के बाद वकार अली खान नामक व्यक्ति ने 2022 में सात लोगों के खिलाफ कोतवाली, रामपुर में प्राथमिकी दर्ज कराई थी। प्राथमिकी में आरोप लगाया गया था कि खान एवं अन्य ने 2014 में सड़क साफ करने की सरकारी मशीन चुरा ली थी।

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