यूपी सरकार के निर्देश पर धार्मिक स्थलों से अब तक ‘अवैध’ रूप से लगाए गए 11,000 लाउडस्पीकर हटाए गए हैं और 35,000 लाउडस्पीकरों की आवाज विस्तारक यंत्रों की आवाज धीमी की गई है। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने यह जानकारी दी। प्रदेश के अपर पुलिस महानिदेशक (कानून-व्यवस्था) प्रशांत कुमार ने बुधवार को बताया, पूरे प्रदेश में धार्मिक स्थलों पर अवैध रूप से लगाए गए लाउडस्पीकर उतारने और वैध लाउडस्पीकर की आवाज कम करने के सिलसिले में एक अभियान चलाया जा रहा है। इसके तहत बुधवार दोपहर तक 10923 लाउडस्पीकर हटाए गए हैं और 35221 ध्वनि विस्तारक यंत्रों की आवाज अनुमन्य सीमा तक कम की गई है।
कार्रवाई के बारे में बताते हुए, कुमार ने कहा, जो लाउडस्पीकर हटाए जा रहे हैं वे अनधिकृत हैं। वे लाउडस्पीकर जो जिला प्रशासन से उचित अनुमति के बिना लगाए गए हैं या जिन्हें अनुमति संख्या से अधिक लगाया गया हैं, उन्हें ‘अनधिकृत’ श्रेणी में वर्गीकृत किया गया है। उन्होंने कहा कि लाउडस्पीकरों के संबंध में उच्च न्यायालय के आदेशों को भी ध्यान में रखा जा रहा हैं। उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा पिछले हफ्ते वरिष्ठ अधिकारियों के साथ कानून व्यवस्था की समीक्षा बैठक के दौरान दिए गए दिशा निर्देशों के आधार पर यह कार्रवाई की जा रही है।
लाउडस्पीकर को लेकर 30 अप्रैल को मांगी गई रिपोर्ट
योगी ने कहा था कि हर किसी को अपनी-अपनी धार्मिक आस्था के हिसाब से पूजा और इबादत करने की आजादी है, लेकिन लाउडस्पीकर की आवाज परिसर के बाहर नहीं जानी चाहिए ताकि दूसरे लोगों को कोई परेशानी न हो। प्रदेश के गृह विभाग ने ‘अवैध’ रूप से लगाए गए लाउडस्पीकर को हटाने की कार्रवाई की स्थिति रिपोर्ट आगामी 30 अप्रैल को मांगी है। पुलिस विभाग द्वारा बुधवार को उपलब्ध कराई गई जानकारी के अनुसार, लखनऊ जोन के जिलों में सबसे ज्यादा 2,395 लाउडस्पीकर हटाए गए, इसके बाद गोरखपुर (1,788), वाराणसी (1,366) और मेरठ (1204) जोन में हटाए गए हैं। लाउडस्पीकरों की आवाज कराने के मामले में, लखनऊ क्षेत्र 7,397 लाउडस्पीकरों के खिलाफ कार्रवाई के साथ सूची में सबसे ऊपर है, इसके बाद बरेली (6,257) और मेरठ (5,976) में लाउडस्पीकर की आवाज सीमित की गई है। अपर पुलिस महानिदेशक (कानून-व्यवस्था) प्रशांत कुमार ने बताया कि लाउडस्पीकर हटाने का काम बिना किसी भेदभाव के किया जा रहा है। पुलिस उपायुक्त (पश्चिम) सोमेन बर्मा ने बताया अवैध लाउडस्पीकर हटाने का सिलसिला मंगलवार को शुरू किया गया था और यह अब भी जारी है। हम विभिन्न धर्मगुरुओं से तथा शांति समितियों के सदस्यों के साथ तालमेल कर इस मुहिम को आगे बढ़ा रहे हैं। अभी तक हमें किसी भी तरह के विरोध का सामना नहीं करना पड़ा है।