सपा ने लोकसभा चुनाव के लिए शुक्रवार को उत्तर प्रदेश में छह और उम्मीदवारों की चौथी सूची जारी की तथा भदोही लोकसभा सीट विपक्षी ‘इंडिया’ गठबंधन के घटक दल तृणमूल कांग्रेस के लिए छोड़ी है। सपा इसके पहले भी तीन चरणों में 31 उम्मीदवारों की घोषणा कर चुकी है। उत्तर प्रदेश की 80 सीट में अब तक 37 के लिए सपा उम्मीदवार घोषित कर चुकी है। ‘इंडिया’ गठबंधन के समझौते में सपा ने जहां एक सीट तृणमूल कांग्रेस के लिए छोड़ी है, वहीं पहले ही 17 सीट कांग्रेस के हिस्से में दी गयी है। सपा के मुख्य प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि अब तक 37 उम्मीदवार घोषित किये गये हैं। सपा ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक सूची को पोस्ट किया जिसमें बिजनौर से यशवीर सिंह, नगीना से मनोज कुमार, मेरठ से भानुप्रताप सिंह एडवोकेट, अलीगढ़ से बिजेन्द्र सिंह, हाथरस से जसवीर बाल्मीक और लालगंज से दरोगा सरोज को उम्मीदवार बनाया गया है।
पार्टी ने विपक्षी ‘इंडिया’ गठबंधन के घटक दल पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के नेतृत्व वाले ‘तृणमूल कांग्रेस’ के लिए भदोही लोकसभा सीट छोड़ी है। इसके पहले भी सपा ने उम्मीदवारों की तीन सूची जारी की थी। वह उत्तर प्रदेश में विपक्षी ‘इंडिया’ गठबंधन की सबसे प्रमुख घटक है। शुक्रवार को पार्टी ने जिन छह सीट पर उम्मीदवारों की घोषणा की है, 2019 में उनमें से सिर्फ हाथरस सीट पर वह चुनाव लड़ी थी और पार्टी नेता रामजीलाल सुमन भाजपा के राजवीर दिलेर से पराजित हो गये थे। बाकी बिजनौर, नगीना, मेरठ, अलीगढ़ और लालगंज सीट 2019 में गठबंधन के तहत बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के हिस्से में गयीं थीं। सपा, बसपा और राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) ने 2019 में गठबंधन करके लोकसभा चुनाव लड़ा था। बसपा ने 2019 में इनमें से बिजनौर, नगीना और लालगंज सीट जीतीं थीं जबकि उसे अलीगढ़ और मेरठ में पराजय का सामना करना पड़ा था। सपा ने लोकसभा चुनाव के लिए इस वर्ष की शुरुआत में 30 जनवरी को ही 16 उम्मीदवारों की पहली सूची जारी की थी, जिसमें मैनपुरी से पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव की पत्नी और मौजूदा सांसद डिंपल यादव और लखनऊ सीट से पार्टी के मौजूदा विधायक रविदास मेहरोत्रा को उम्मीदवार बनाया गया।
पहली सूची में संभल से शफीकुर्रहमान बर्क, फिरोजाबाद से अक्षय यादव, एटा से देवेश शाक्य, बदायूं से धर्मेंद्र यादव, खीरी से उत्कर्ष वर्मा, धौरहरा से आनंद भदौरिया, उन्नाव से अनु टंडन, फर्रुखाबाद से नवल किशोर शाक्य, अकबरपुर से राजा रामपाल, बांदा से शिव शंकर सिंह पटेल, फैजाबाद से अवधेश प्रसाद, अंबेडकर नगर से लालजी वर्मा, बस्ती से राम प्रसाद चौधरी और गोरखपुर से काजल निषाद को सपा ने उम्मीदवार बनाया था। बाद में बदायूं से धर्मेंद्र यादव की उम्मीदवारी वापस ले ली गयी। उधर, उम्मीदवार घोषित किये जाने के कुछ दिनों बाद ही फरवरी के आखिरी सप्ताह में संभल से मौजूदा सांसद शफीकुर्रहमान बर्क का निधन हो गया। सपा ने दूसरी सूची 19 फरवरी को जारी की जिसमें उत्तर प्रदेश से 11 और उम्मीदवारों की घोषणा की गयी। प्रत्याशियों की सूची में माफिया-राजनीतिक नेता मुख्तार अंसारी के भाई और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के सांसद अफजाल अंसारी का नाम भी शामिल है, जिन्हें गाजीपुर से उम्मीदवार घोषित किया गया। इस सूची के मुताबिक इसके अलावा हरेंद्र मलिक (मुजफ्फरनगर), नीरज मौर्य (आंवला), राजेश कश्यप (शाहजहांपुर-सुरक्षित), ऊषा वर्मा (हरदोई- सुरक्षित), आर के चौधरी (मोहनलालगंज- सुरक्षित), एसपी सिंह पटेल (प्रतापगढ़), रमेश गौतम (बहराइच -सुरक्षित), श्रेया वर्मा (गोंडा), वीरेंद्र सिंह (चंदौली) और रामपाल राजवंशी (मिश्रिख – सुरक्षित) को प्रत्याशी घोषित किया गया।
सपा की तीसरी सूची में 20 फरवरी को पांच और उम्मीदवार घोषित किये गये। उत्तर प्रदेश की पांच और लोकसभा सीट के उम्मीदवारों में पार्टी ने सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के चाचा शिवपाल सिंह यादव को बदायूं सीट से उम्मीदवार बनाया , जिस पर पहले सपा प्रमुख के चचेरे भाई धर्मेंद्र यादव को उम्मीदवार बनाया गया था। तीसरी सूची में ही पार्टी ने कैराना सीट से विधायक नाहिद हसन की बहन इकरा हसन को कैराना लोकसभा सीट से उम्मीदवार बनाया। इसके अलावा बरेली से प्रवीण सिंह ऐरन, हमीरपुर से अजेंद्र सिंह राजपूत और वाराणसी से सुरेंद्र सिंह पटेल को प्रत्याशी बनाया गया। शुक्रवार को चौथी सूची में छह और उम्मीदवार घोषित किये गये। इस तरह अब तक पार्टी के एक उम्मीदवार बदले जाने के बाद कुल 37 उम्मीदवारों का नाम सामने है। इनमें संभल में बर्क के निधन के बाद अभी कोई उम्मीदवार घोषित नहीं किया गया है लेकिन पार्टी के एक नेता ने कहा कि जल्द ही संभल के उम्मीदवार की घोषणा की जाएगी।