भगवान राम को लाने वाले धर्म और राम का अपमान कर रहे हैं : अखिलेश यादव

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akhilesh new
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लखनऊ। समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष अखिलेश यादव ने शनिवार को विधानसभा में प्रदेश सरकार द्वारा पेश किए गए बजट पर चर्चा करते हुए कहा कि जो लोग कहते हैं कि वे राम को लेकर आए हैं, वे भगवान श्रीराम का अपमान करते हैं और ऐसा कहकर आप धर्म और भगवान राम का अपमान कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि भगवान श्रीराम का अपमान बंद कर देना चाहिए। यादव ने कहा, यह बात कही गयी कि हमने प्रभु राम का नाम नहीं लिया लेकिन जब भगवान राम दिल में बसते हो तो फिर नाम लेने की क्या जरूरत हैं? राम पहले भी थे, आज भी हैं और हमेशा रहेंगे। जब हम आप नहीं थे, प्रभु राम तब भी थे और जब हम आप नहीं रहेंगे प्रभु राम तब भी रहेंगे। इसलिए ऐसा कहना कि आप प्रभु राम को लाये हैं, ऐसा कह कर आप प्रभु राम का अपमान तो कर ही रहे हैं, साथ ही साथ धर्म को भी अपमानित कर रहे हैं।

उन्होंने कहा, याद रखिए प्रभु राम अजर हैं, अमर हैं और सबके हैं। प्रभु राम के नाम पर राजनीति करना बंद करिए। यादव ने कहा कि राज्यपाल के अभिभाषण से यह मालूम हुआ कि सरकार ने अयोध्या को संजाने संवारने में 31 हजार करोड़ रूपयें खर्च किये। बजट पर टिप्पणी करते हुए उन्होंने कहा कि सरकार हर बार सबसे बड़ा बजट पेश करती है लेकिन उसे खर्च नहीं कर पाती। सरकार ने जितना आवंटन किया उस पर खर्च कितना हुआ है, इसकी जानकारी नहीं देती। अखिलेश ने अलग-अलग विभागों को पिछले वर्ष आवंटित किए गए बजट और उस पर हुए खर्च का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि राज्य का बजट सात लाख करोड़ का हो या आठ लाख करोड़ का लेकिन सबसे बड़ा सवाल यही रहेगा कि प्रदेश की 90 फीसदी जनता के लिए उसमें क्या है? भाजपा की नीति आम जनता के लिए नही हैं। प्रदेश सरकार 10 प्रतिशत संपन्न लोगों के लिए 90 प्रतिशत बजट रखती हैं और 90 प्रतिशत जरूरतमंद जनता के लिए नाम मात्र दस फीसदी बजट। सपा प्रमुख ने कहा, उप्र की सरकार हमें आंकड़ों में उलझाती हैं। सीधी सीधी यह बात बतायें कि इस बजट से महंगाई से कितनी राहत मिलेगी। इस बजट में कितने युवाओं को रोजगार मिलेगा? अपराध और भ्रष्टाचार कम करने के उपायों पर कितना खर्च दिया जायेगा।

मंदी और जीएसटी की मार झेल रहे काम, कारोबार और दुकानदारी को बढ़ावा देने के लिए क्या प्रावधान हैं? क्या इस बजट में किसान की बोरी की चोरी रूकेगी या नहीं। फसल का सही दाम या किसानों की आय दोगुनी होगी या नहीं? अखिलेश ने पूछा, इस बजट में अच्छी दवाई और अच्छी पढ़ाई के लिए कितना आवंटन हैं? सरकार बताये कि बिजली के प्लांट के लिए कितना बजट हैं। सरकार बतायें कि सड़कों के गड्ढे भरने के लिए बजट हैं या नहीं? उन्होंने पूछा कि पिछले सात वर्ष में गड्ढे भरने के बहाने कितना पैसा खर्च किया गया हैं? उन्होंने बजट के बड़े आकार पर कहा, बड़ा हुआ तो क्या हुआ, जैसे पेड़ खजूर, पंछी को छाया नहीं फल लागे अति दूर…। यादव ने कहा कि भारत विश्व की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है लेकिन देश के 80 करोड़ लोग सरकारी राशन पर निर्भर हैं। वरिष्ठ नागरिकों को रेल किराये में छूट नहीं। युवाओं के लिए सेना में सिर्फ चार साल की अग्निवीर की भर्ती है। वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने सोमवार को विधानसभा में सात लाख 36 हजार 437 करोड़ रुपये का बजट पेश किया था।

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