सपा के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने आपराधिक मामलों में संदिग्ध लोगों के घरों को बुलडोजर से ढहाए जाने के मामले में उच्चतम न्यायालय की टिप्पणी का जिक्र करते हुए बुधवार को सवाल किया कि क्या अब उत्तर प्रदेश की योगी सरकार मकान तोड़े जाने की कार्रवाई पर माफी मांगेगी। यादव ने यहां संवाददाताओं से बातचीत में कहा, ”जहां तक बुलडोजर का सवाल है तो सोचो न्यायालय का कैसा बुलडोजर चला कि अब बुलडोजर नहीं चल सकता। उन्होंने कहा, जो लोग बुलडोजर लेकर डराते थे, जगह-जगह लोगों के घर गिराते थे…उच्चतम न्यायालय ने कहा है कि अब बुलडोजर नहीं चल सकता तो क्या अभी तक जो बुलडोजर चल रहा था उसके लिए योगी सरकार माफी मांगेगी?
कई राज्यों में प्रशासन द्वारा आपराधिक मामलों में संदिग्ध लोगों के घरों को बुलडोजर से ढहाए जाने के बीच शीर्ष ने गत दो सितंबर को सवाल उठाया कि किसी का घर सिर्फ उसके आरोपी होने की वजह से कैसे ढहाया जा सकता है। न्यायालय ने कहा कि वह इस मुद्दे पर दिशा-निर्देश तैयार करेगा, जो पूरे देश में लागू होंगे। बुलडोजर चलाने के लिए ‘दिल और दिमाग’ चाहिए वाली मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की टिप्पणी पर सपा प्रमुख ने कहा, ”जहां तक दिल और दिमाग की बात है तो बुलडोजर में दिमाग नहीं होता…स्टीयरिंग होता है। बुलडोजर तो स्टीयरिंग से चलता है। उत्तर प्रदेश की जनता कब किसका स्टीयरिंग बदल दे या दिल्ली वाले कब किसका स्टीयरिंग बदल दें, कुछ पता नहीं।
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, ”जिनके लिए बुलडोजर बल और नाइंसाफी का प्रतीक है मैं उन्हीं को बुलडोजर की मुबारकबाद देना चाहता हूं। सपा प्रमुख ने मंगलवार को पार्टी कार्यकर्ताओं से कहा था कि वर्ष 2027 के विधानसभा चुनाव में भाजपा का सफाया हो जाएगा और सपा की सरकार बनने पर बुलडोजर का रुख मुख्यमंत्री की कर्मभूमि गोरखपुर की तरफ कर दिया जाएगा। योगी द्वारा सपा को गुंडों और माफिया तत्वों की पार्टी बताए जाने से संबंधित सवाल पर सपा प्रमुख ने किसी का नाम लिए बगैर कहा, जहां तक माफिया की बात है तो पुराने रिकॉर्ड उठाकर देख लीजिए किसी और को भी माफिया कहा जाता था। उन्होंने एक अन्य सवाल के जवाब में कहा, ”मुख्यमंत्री जी लोकसभा चुनाव के परिणाम के बाद न तो खुद चैन से सोते हैं और न किसी अधिकारी को सोने दे रहे हैं।