लखनऊ। समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने सत्तारूढ़ दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर शनिवार को निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि जहां-जहां जमीन दिखाई दे रही है, वहां-वहां भाजपा के लोग कब्जा कर रहे हैं। यादव ने यहां सपा मुख्यालय में प्रेसवार्ता में गोरखपुर में बन रहे विरासत गलियारा के लिए व्यापारियों और नागरिकों की जमीन अधिगृहीत किये जाने का मामला उठाते हुए शासन-प्रशासन के साथ ही भाजपा पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने भाजपा कार्यकर्ताओं पर 25 जून को विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडेय और विधानपरिषद में नेता प्रतिपक्ष लाल बिहारी यादव के नेतृत्व में गोरखपुर गए चार सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल का पुलिस की मौजूदगी में बुलडोजर लेकर रास्ता रोकने, दुर्व्यवहार करने, वाहनों पर अंडे और पत्थर फेंकने तथा काला झंडा दिखाने का आरोप लगाया।
उन्होंने दावा किया कि इनका जो फर्जी विरासत गलियारा बन रहा है, सपा सरकार बनने पर विकास का गलियारा बनायेगी। सपा प्रमुख ने गोरखपुर में विरासत गलियारा के वास्ते मुआवजा सहमति के स्थान पर बाजार भाव से देने की मांग करते हुए दावा किया कि सरकार शासन-प्रशासन का दबाव बनाकर, पुलिस को आगे करके व्यापारियों और वहां के निवासियों से जबरदस्ती सहमति पत्र पर हस्ताक्षर करवा रही है, ताकि उन्हें मुआवजा ज्यादा न देना पड़े। बुलडोजर को अन्याय का प्रतीक बताते हुए यादव ने अपने कार्यकर्ताओं को बधाई दी और आह्वान किया कि वे न बुलडोजर से डरें, न अंडों से और न ही काले झंडों से ।
उन्होंने विधानमंडल के दोनों सदनों के नेता प्रतिपक्ष को गोरखपुर में व्यापारियों की आवाज बनने के लिए बधाई देते हुए कहा,“हम उनसे कहेंगे कि वे वहां (गोरखपुर) के जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक के खिलाफ लिखकर कार्रवाई की मांग करें।” पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि उनके खिलाफ अगर आज कार्रवाई नहीं होती है तो जब जनता समाजवादियों को मौका देगी तो फिर उनके खिलाफ कार्रवाई होगी। यादव ने यह भी कहा कि व्यापारी भी अगर हिम्मत जुटाएं और यह लिख कर दें कि उन पर सहमति के लिए दबाव बनाया जा रहा है तो समय आने पर ऐसे अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। सपा प्रमुख ने मुख्यमंत्री की ओर संकेत करते हुए कहा, “सोचिए, वह कब विरासत गलियारा बना रहे हैं, जब उनके पास आखिरी बजट बचा है।
उन्होंने कहा कि अगर उन्हें गोरखपुर (मुख्यमंत्री योगी का गृह जिला) के लिए कुछ काम करना था तो उन्हें सबसे पहले अपनी पहली घोषणा याद रखनी चाहिए। सपा प्रमुख ने योगी आदित्यनाथ के सिलसिले में कहा, “उन्होंने गोरखपुर के लिए सबसे पहले घोषणा झांसी में जाकर की थी और कहा था कि झांसी के साथ-साथ गोरखपुर में मेट्रो (मेट्रो रेल सेवा) बनाएंगे। दिल्ली सरकार के 11 साल और यहां के नौ साल पूरे होने जा रहे हैं, लेकिन न झांसी में मेट्रो बनी और न गोरखपुर में मेट्रो बनी।” उन्होंने तंज कसा,“गोरखपुर के लोग जानते होंगे कि वहां पर गोरख धंधा चल रहा है। अगर गोरखपुर वालों ने अपना मुंह खोलकर “यहां” के राज खोल दिए तो वहां “विरासत गलियारा” की जगह “हिरासत गलियारा” बनवाना पड़ेगा।” यादव ने चंदौली में बंदरगाह के नाम पर ज़मीन अधिग्रहण का भी मामला उठाते हुए सरकार पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने दावा किया कि कॉरिडोर के नाम पर बहुत बड़ा भाजपाई लूट तंत्र सक्रिय है जो तरह-तरह के बहाने करके आसपास के लोगों की जमीन औने-पौने दाम में ले लेता है और बाद में ऊंचे दाम पर बेच देता है।
उन्होंने कहा कि इस खेल में कुछ गिने-चुने भाजपाई मलाई काट लेते हैं और जनता के साथ धोखा हो रहा है। उन्होंने कहा कि इसीलिए (लोकसभा चुनाव) अयोध्या में भाजपा हारी और प्रयागराज एवं बनारस में हारते हारते बची तथा अब मथुरा और गोरखपुर का नंबर है। उन्होंने मुख्यमंत्री पर अपने गृह जनपद जाने का रिकॉर्ड बनाने का दावा करते हुए कहा कि कोई मुख्यमंत्री इतना अधिक अपने गृह जनपद नहीं गया होगा जितना यह मुख्यमंत्री जी गए हैं, लेकिन इसके बाद भी लगातार आपराधिक घटनाएं हो रही है। इसके पहले नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडेय ने 25 जून को अपनी गोरखपुर यात्रा का ब्यौरा देते हुए भाजपा पर गंभीर आरोप लगाए और अपने वाहन पर अंडे फेंकने, बुलडोजर से रास्ता रोकने और काला झंडा दिखाने के आरोप लगाए। चंदौली से आए विद्याधर ने ज़मीन अधिग्रहण के नाम पर उत्पीड़न का आरोप लगाया और कहा,” हम अहिंसक तरीके से विरोध प्रदर्शन करेंगे और जान दे देंगे लेकिन ज़मीन नहीं देंगे।