कोविशील्ड मामले की हो उच्च स्तरीय न्यायिक जांच, जिम्मेदार लोगों पर चले मुकदमा : अखिलेश

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लखनऊ। कोविशील्ड वैक्सीन के ‘साइड इफेक्ट्स’ को लेकर उठे विवाद के बीच समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बुधवार को आरोप लगाया कि सत्तारूढ़ पार्टी ने लोगों की जान जोखिम में डालकर वैक्सीन निर्माता से राजनीतिक चंदा वसूला है और इसकी उच्च स्तरीय न्यायिक जांच की जानी चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि ऐसी ‘जानलेवा’ दवाओं की अनुमति देना किसी की हत्या की साजिश के समान है और इसके लिए जिम्मेदार लोगों पर मुकदमा चलाया जाना चाहिए। यादव ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, “एक व्यक्ति को दो वैक्सीन के हिसाब से लगभग 80 करोड़ भारतीयों को कोविशील्ड वैक्सीन दी गयी है, जिसके बारे में उसका मूल फ़ार्मूला बनानेवाली कंपनी ने कहा है कि इससे हृदयघात का ख़तरा हो सकता है। जिन लोगों ने वैक्सीन के साइड एफ़ेक्ट के कारण अपनों को खोया है या जिन्हें वैक्सीन के दुष्परिणामों की आशंका थी, अब उनका शक़ और डर सही साबित हुआ है।

उन्होंने कहा, लोगों की ज़िंदगी से खिलवाड़ करने वालों को जनता कभी माफ़ नहीं करेगी। ऐसी जानलेवा दवाइयों को अनुमति देना किसी की हत्या के षड्यंत्र के बराबर है और इसके लिए ज़िम्मेदार लोगों पर आपराधिक मुक़दमा चलना चाहिए। उन्होंने भाजपा पर हमला करते हुए कहा, सत्ताधारी दल ने वैक्सीन बनानेवाली कंपनी से राजनीतिक चंदा वसूलकर जनता की जान की बाज़ी लगायी है। न क़ानून कभी उन्हें माफ़ करेगा, न जनता। इस मामले में सर्वोच्च स्तर पर न्यायिक जांच हो।” इससे पहले, मंगलवार को सपा नेताओं ने आरोप लगाया था कि भाजपा ने लोगों को “जबरन” लगाई गई कोविड वैक्सीन के निर्माता से “कमीशन” लिया। कांग्रेस की उत्तर प्रदेश इकाई के प्रमुख अजय राय ने भी इस मुद्दे को लेकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर हमला किया था और आरोप लगाया था कि प्रधानमंत्री मोदी ने लोगों की जिंदगी से खिलवाड़ किया है।

उन्होंने कहा था, “क्या यही मोदी की गारंटी है?” ब्रिटिश मीडिया द्वारा उद्धत किए गए अदालत ही दस्तावेजों के मुताबिक ब्रिटेन की फार्मा कंपनी एस्ट्राजेनेका ने स्वीकार किया है कि यूरोप में वैक्सजेवरिया और भारत में कोविशील्ड नामक उसकी कोविड-19 वैक्सीन ‘बहुत दुर्लभ मामलों’ में रक्त के थक्के से संबंधित दुष्प्रभाव पैदा कर सकती है। हालांकि इसका कारण अज्ञात है। भारत में एस्ट्राजेनेका वैक्सीन का निर्माण सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया द्वारा किया गया था। सपा महासचिव शिवपाल यादव ने इस मुद्दे पर सत्तारूढ़ भाजपा पर हमला करते हुए कहा था, “अब यह उजागर हो गया है कि उन्होंने टीकों में भी कमीशन लिया है। लोगों को घटिया गुणवत्ता वाले टीके और दवाएं दी गईं।” सपा प्रमुख अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव ने देश में लोगों को ‘जबरन’ कोविड के टीके लगाए जाने का आरोप लगाते हुए कहा था, “भाजपा ने 200-300 करोड़ रुपये का चंदा लिया और उन्हें (कंपनी को) वैक्सीन बेचने की अनुमति दी गई। लोगों को जबरन वैक्सीन लगाई गई। दुनिया में कहीं भी वैक्सीन जबरन नहीं लगाई गई। वैक्सीन बनाने में भ्रष्टाचार सामने आया है, जिसकी वजह से अब लोग मर रहे हैं।” कोविड के समय में अखिलेश यादव ने कहा था कि वह ‘बीजेपी की वैक्सीन’ नहीं लगवाएंगे।

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