सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने बृहस्पतिवार को मुजफ्फरनगर पुलिस के उस आदेश को “सामाजिक अपराध” करार दिया, जिसके तहत कांवड़ यात्रा मार्ग पर स्थित भोजनालयों से उनके मालिकों का नाम प्रदर्शित करने को कहा गया है। उन्होंने अदालतों से मामले का स्वत: संज्ञान लेने का अनुरोध भी किया। मुजफ्फरनगर पुलिस ने कांवड़ यात्रा मार्ग पर स्थित सभी भोजनालयों को अपने मालिकों का नाम प्रदर्शित करने का आदेश दिया है, ताकि “भ्रम की स्थिति” से बचा जा सके। विपक्षी दल इस आदेश को समुदाय विशेष के व्यापारियों को निशाना बनाने के प्रयास के तौर पर देख रहे हैं। आदेश को लेकर एक अखबार में प्रकाशित खबर पर प्रतिक्रिया देते हुए अखिलेश ने ‘एक्स’ पर कहा, “…और जिसका नाम गुड्डू, मुन्ना, छोटू या फत्ते है, उसके नाम से क्या पता चलेगा?”
उन्होंने कहा, “माननीय न्यायालय स्वत: संज्ञान ले और ऐसे प्रशासन के पीछे के शासन तक की मंशा की जांच करवाकर, उचित दंडात्मक कार्रवाई करे। ऐसे आदेश सामाजिक अपराध हैं, जो सौहार्द के शांतिपूर्ण वातावरण को बिगाड़ना चाहते हैं।” मुजफ्फरनगर के पुलिस प्रमुख अभिषेक सिंह ने सोमवार को कहा था, “जिले में कांवड़ यात्रा की तैयारियां शुरू हो गई हैं। यहां लगभग 240 किलोमीटर लंबा कांवड़ मार्ग है। मार्ग पर स्थित सभी होटल, ढाबे, ठेले वालों से अपने मालिकों या फिर वहां काम करने वालों के नाम प्रदर्शित करने के लिए कहा गया है। यह इसलिए जरूरी है, ताकि किसी कांवड़िये के मन में कोई भ्रम न रहे।

