समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बृहस्पतिवार को दावा किया कि अगर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाला राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) बिहार विधानसभा चुनाव जीतता है, तो भाजपा नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री नहीं बनाएगी। सैदपुर में पार्टी विधायक अंकित भारती के विवाह समारोह में शिरकत करने के दौरान अखिलेश यादव ने संवाददाताओं से कहा कि भाजपा ने नीतीश कुमार को भले ही ‘चुनाव का दूल्हा’ घोषित किया हो, लेकिन चुनाव में जीत मिलने के बाद भाजपा कुमार को मुख्यमंत्री नहीं बनाएगी। उन्होंने कहा, ‘भाजपा एक साजिश के तहत उन्हें (नीतीश कुमार) आगे करके चुनाव लड़ रही है। जीतने के बाद उन्हें किनारे कर देगी।’ उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, ‘आप पूछ सकते हैं कि मैं यह किस आधार पर कह रहा हूं? देखिए, महाराष्ट्र और अन्य राज्यों में क्या हुआ। जिन्हें चुनाव से पहले मुख्यमंत्री पद का चेहरा बनाया गया था, उन्हें जीत के बाद पद नहीं दिया गया। बिहार में भी ऐसा ही होगा।’
बिहार विधानसभा चुनाव दो चरणों में छह और 11 नवंबर को होंगे तथा नतीजे 14 नवंबर को घोषित किए जाएंगे। अखिलेश यादव ने कहा, ‘बिहार की जनता पूरी तरह बदलाव चाहती है। इस बार वहां की जनता सत्ता परिवर्तन कर विकास करने वाली सरकार चुनेगी, वह मौजूदा सरकार से ऊब चुकी है।’ उन्होंने दावा किया सभी विपक्षी नेता यह बात कह रहे हैं कि भाजपा नीतीश कुमार के साथ ‘धोखाधड़ी’ कर रही है इसलिए इस बार बिहार की जनता भाजपा गठबंधन को सबक सिखाएगी। सपा अध्यक्ष ने कहा कि ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इंक्लूसिव अलायंस’ (इंडिया गठबंधन) नीतीश कुमार को प्रधानमंत्री बनाना चाहता था, जबकि बिहार में भाजपा ने उन्हें केवल ‘चुनावी दूल्हा’ बनाया है।
अखिलेश यादव ने कहा कि लोकसभा में विपक्ष के नेता एवं कांग्रेस सांसद राहुल गांधी और बिहार में ‘इंडिया’ गठबंधन के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार तेजस्वी यादव की जोड़ी देश में नयी रोशनी लाने का कार्य कर रही है। राष्ट्रीय जनता दल (राजद) नेता तेजस्वी यादव को अपना पूरा समर्थन देते हुए, समाजवादी पार्टी प्रमुख ने कहा, तेजस्वी यादव मुख्यमंत्री बनने जा रहे हैं। हम सब उनके समर्थन में हैं। और न केवल हम उनका समर्थन कर रहे हैं, बल्कि सरकार चलाने में हर संभव मदद करने के लिए भी तैयार हैं…। निर्वाचन आयोग पर निष्पक्षता से काम न करने का आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि भाजपा मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) में गड़बड़ी करना चाहती है। उन्होंने कहा, निर्वाचन आयोग निष्पक्षता से काम नहीं करता।
एक सटीक मतदाता सूची बनाए रखना और यह सुनिश्चित करना निर्वाचन आयोग की जिम्मेदारी है कि हर वोट पड़े। लेकिन क्या आपको वाकई निष्पक्षता दिखती है? उत्तर प्रदेश के किसी भी उपचुनाव या आम चुनाव को देख लीजिए – निर्वाचन आयोग पक्षपातपूर्ण तरीके से काम करता है, और इसीलिए ऐसे आरोप लगते हैं। उन्होंने कहा, भाजपा एसआईआर में गड़बड़ी करना चाहती है। बूथ स्तर के अधिकारियों की सूची देख लीजिए, क्या उसमें पीडीए (पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक) समुदाय का एक भी नाम है। बड़ी संख्या में पीड़ित, दुखी और अपमानित लोग हैं, और भाजपा उनसे डरती है। भाजपा पीडीए की एकता और ताकत के खिलाफ नहीं लड़ सकती।

