भाजपा ने लोकतंत्र के लिए खतरा पैदा किया : अखिलेश यादव

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लखनऊ। समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने रविवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर लोकतंत्र के लिए खतरा पैदा करने का आरोप लगाया। सपा मुख्यालय द्वारा जारी बयान के अनुसार, यादव ने यहां पार्टी के प्रदेश मुख्यालय के डॉ. राममनोहर लोहिया सभागार में समाजवादी बाबा साहब आम्बेडकर वाहिनी और समाजवादी पार्टी अनुसूचित जाति प्रकोष्ठ के पदाधिकारियों की संयुक्त बैठक को संबोधित करते हुए कहा, ”भारतीय जनता पार्टी ने लोकतंत्र के लिए खतरा पैदा कर दिया है। भाजपा बाबा साहब डॉ. भीमराव आम्बेडकर के बनाए संविधान को बदलने की तैयारी में है। उन्होंने कहा, भाजपा वंचितों, शोषितों, पिछड़ों एवं दलितों को अधिकारों से वंचित कर रही है। ‘आउटसोर्सिंग’ करके नौकरियों को खत्म कर रही है।

भाजपा सामाजिक न्याय के पक्ष में भी नहीं है। वह जातीय जनगणना नहीं चाहती। ‘आउटसोर्सिंग’ एक व्यवसायिक प्रक्रिया है जिसमें कोई संस्था या कंपनी अपने कुछ काम दूसरी कंपनी या संगठनों को सौंपती है। इसका मुख्य उद्देश्य अपने काम की लागत कम करना होता है। यादव ने कहा कि जातीय जनगणना होने से ही सभी को हक और सम्मान मिल पाएगा। उन्होंने कहा कि जातीय जनगणना के बिना सामाजिक न्याय संभव नहीं है। उन्होंने दावा किया कि 2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा के राजग (राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन) को ”पीडीए (पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक) हराएगा।

यादव का समाजवादी बाबा साहब आम्बेडकर वाहिनी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मिठाई लाल भारती तथा अनुसूचित जाति प्रकोष्ठ के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल भारती ने स्वागत किया। यादव ने कहा, भाजपा सरकार ईडी (प्रवर्तन निदेशालय), सीबीआई (केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो), और आयकर विभाग से जितने छापे डलवाएगी, जनता उतनी ज्यादा नाराज होगी। भाजपा लोगों को डराने के लिए छापे डलवा रही है, लेकिन लोकतंत्र में कोई डरता नहीं है। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार में महंगाई एवं बेरोजगारी चरम पर है। उन्होंने कहा, अब तो अन्याय भी चरम पर है। देश की सौ करोड़ से ज्यादा जनता भाजपा से नाराज है। सपा प्रमुख ने आरोप लगाया कि भाजपा ने नया संसद भवन इसलिए बनवाया, ताकि जिस भवन में बैठकर बाबा साहब डॉ0 भीमराव आम्बेडकर ने संविधान बनाया था, उस इतिहास को सफाई से मिटाया जा सके। उन्होंने कहा, भाजपा नया संविधान भी बनाना चाहती है।

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