हापुड़ में वकीलों पर पुलिस ने किया लाठीचार्ज, विरोध में अधिवक्ताओं का प्रदर्शन

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हापुड़ जिला अदालत परिसर में अधिवक्ताओं पर पुलिस के लाठी चार्ज के विरोध में उत्तर प्रदेश के विभिन्न शहरों में वकील बुधवार को न्यायिक कार्य से विरत रहे। उत्तर प्रदेश सरकार ने हापुड़ में मंगलवार को पुलिस और वकीलों के बीच हुए टकराव के सभी पहलुओं की छानबीन के लिए एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया है और जिम्मेदारी तय करते हुए सात दिनों में रिपोर्ट सौंपने को कहा है। हापुड़ में अधिवक्ता एक महिला वकील के पिता के खिलाफ एक सप्ताह पहले मामला दर्ज किए जाने का विरोध कर रहे थे, उसी दौरान पुलिस ने उनके खिलाफ बल प्रयोग किया जिसमें करीब 30 अधिवक्ता घायल हो गए थे। हापुड़ से प्राप्त सूचना के अनुसार, हापुड़ में वकीलों पर लाठी चार्ज के विरोध में चल रहे हड़ताल को समर्थन देने के लिए सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष आदिश अग्रवाल, उत्तर प्रदेश बार काउंसिल के अध्यक्ष शिव किशोर गौड़ आदि ने हापुड़ पहुंच 48 घंटे में जिलाधिकारी, पुलिस अधीक्षक सहित दोषी पुलिसकर्मियों को हटाने ओर उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग की। मेरठ, गाजियाबाद, गढ़मुक्तेश्वर, धौलाना और बुलंदशहर बार एसोसिएशन के अधिवक्ता भी हापुड़ पहुंचे।

पुलिस और प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी करते हुए वकील कचहरी पहुंचे। उनकी मांग है कि पुलिस महिला अधिवक्ता और उसके पिता के खिलाफ दर्ज मामला वापस ले और लाठी चार्ज में शामिल पुलिसकर्मियों व अधिकारियों को निलंबित कर उनके खिलाफ मामला दर्ज करे। प्रदर्शन कर रहे अधिवक्ताओं को संबोधित करते हुए उत्तर प्रदेश बार एसोसिएशन के अध्यक्ष गौड़ ने कहा कि अगर शासन 48 घंटे में जिलाधिकारी, पुलिस अधीक्षक सहित दोषी पुलिसकर्मियों को हटाने और उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग पूरी नहीं करता है तो पूरे उत्तर प्रदेश में हड़ताल होगी। प्रयागराज से मिली सूचना के अनुसार, बार राज्य विधिक परिषद ने 48 घंटे के भीतर हापुड के जिलाधिकारी, पुलिस अधीक्षक और क्षेत्राधिकारी का तबादला करने और हापुड की घटना के लिए जिम्मेदार पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ मामला दर्ज कर कार्रवाई की मांग की है।

हापुड़ की घटना के विरोध में हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के आह्वान पर इलाहाबाद हाईकोर्ट के वकील न्यायिक कार्य से विरत रहे। हाईकोर्ट बार एसोसिएशन ने एक आपातकालीन बैठक में हापुड़ में अधिवक्ताओं पर पुलिस कार्रवाई की निंदा की। लखनऊ में विशेष पुलिस महानिदेशक प्रशांत कुमार ने आज कहा कि हापुड़ में मंगलवार को हापुड़ में पुलिस और वकीलों के बीच टकराव की स्थिति बन गई थी जिसे देखते हुए पूरे मामले की जांच के लिए एसआईटी (विशेष जांच दल) का गठन किया गया है। उन्होंने बताया कि एसआईटी का नेतृत्व मेरठ के आयुक्त करेंगे, पुलिस महानिरीक्षक (आईजी) मेरठ और पुलिस उप महानिरीक्षक (डीआईजी) मुरादाबाद इसके सदस्य होंगे। कुमार ने कहा कि एसआईटी को जिम्मेदारी तय करते हुए मामले के सभी पहलुओं की जांच करते हुए सात दिनों में अपनी रिपोर्ट देने को कहा गया है।

उन्होंने कहा कि अधिकारी बार काउंसिल के सदस्यों के संपर्क में हैं और कानून व्यवस्था बनाए रखने में मदद करने की अपील भी की गई है। उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि जिला प्रशासन के साथ-साथ राज्य सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है कि वकीलों या आम जनता के साथ कोई दुर्व्यवहार न हो। मुजफफरनगर से प्राप्त सूचना के अनुसार, जिला बार एसोसिएशन के अध्यक्ष अनिल जिंदल ने बताया कि मुजफ्फरनगर में वकीलों ने कलक्ट्रेट पर विरोध प्रदर्शन किया और बाद में जिलाधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को एक ज्ञापन सौंपकर हापुड़ मामले में संलिप्त पुलिसकर्मियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की।

वहीं, गाजियाबाद बार एसोसिएशन के अध्यक्ष राकेश त्यागी कैली और सचिव स्नेह कुमार त्यागी के आह्वान पर वकील अदालती कामकाज से दूर रहे। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने वकीलों पर लाठीचार्ज की निंदा की है। सपा द्वारा जारी बयान के अनुसार, अखिलेश ने राज्य में अराजकता होने और भाजपा सरकार में पुलिस के बेलगाम होने का आरोप लगाते हुए कहा कि पुलिस ने अदालत परिसर में घुसकर जिस तरह से वकीलों और महिलाओं को बर्बरता से पीटा है वह घोर निन्दनीय है। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार में अन्याय, अत्याचार चरम पर है और अन्याय के खिलाफ आवाज उठाने पर सरकार की सह पर पुलिस का व्यवहार अलोकतांत्रिक एवं अमानवीय है।

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