लखनऊ। विशेष एमपी-एमएलए अदालत ने बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के पूर्व नेता एवं मंत्री रहे नसीमुद्दीन सिद्दीकी और तीन अन्य आरोपियों की वर्ष 2016 में हजरतगंज में एक विरोध प्रदर्शन के दौरान तत्कालीन भाजपा उपाध्यक्ष दयाशंकर सिंह की नाबालिग बेटी और परिवार के अन्य सदस्यों पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने के मामले में खुद को क्लीन चिट देने की याचिका खारिज कर दी है। हालांकि, अदालत ने इस मामले के एक अन्य आरोपी मेवालाल गौतम के खिलाफ यौन अपराधों से बच्चों का सरंक्षण (पॉक्सो) अधिनियम की धारा हटा दी है।
न्यायाधीश हरबंस नारायण ने आरोपी व्यक्तियों द्वारा दायर याचिका का निपटारा करते हुए मंगलवार को आदेश पारित किया। इस मामले में 12 जनवरी 2018 को आरोपी व्यक्तियों के खिलाफ भारतीय दंड विधान की विभिन्न धाराओं और पॉक्सो अधिनियम की संबंधित धारा के तहत आरोप पत्र दाखिल किया गया था। इस मामले में तत्कालीन भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष और वर्तमान में परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह की मां ने 22 जुलाई 2016 को सिद्दीकी तथा अन्य के खिलाफ हजरतगंज पुलिस में मुकदमा दर्ज कराया था। वर्ष 2016 में बसपा में रहे कांग्रेस नेता सिद्दीकी ने हजरतगंज इलाके में एक विरोध प्रदर्शन का आयोजन किया था, जिसमें कथित तौर पर सिंह के परिवार के सदस्यों के बारे में अशोभनीय शब्द कहे गए थे। दयाशंकर सिंह ने बसपा प्रमुख मायावती के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी की थी जिसके विरोध में लखनऊ के हजरतगंज में पार्टी का यह प्रदर्शन हुआ था।