कांवड़ यात्रियों के लिए परिचय पत्र जारी करें पड़ोसी राज्य, यूपी सरकार का अनुरोध

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लखनऊ। उत्‍तर प्रदेश सरकार ने पड़ोसी राज्यों से अपने-अपने क्षेत्रों के कांवड़ यात्रियों को पहचान पत्र जारी करने का अनुरोध किया। एक आधिकारिक बयान के अनुसार, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हाल में उच्च स्तरीय बैठक में पवित्र सावन मास में निकलने वाली कांवड़ यात्रा को लेकर अधिकारियों को तैयारियां पुख्ता करने के निर्देश दिये थे। इसके बाद, शनिवार को मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह और पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) प्रशांत कुमार ने मेरठ में पश्चिमी उत्तर प्रदेश और चार अन्य राज्यों के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की और श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने की रणनीति बनाई। बयान के अनुसार, बैठक में अधिकारियों ने कहा कि कांवड़ यात्रियों को भाला, त्रिशूल या किसी भी तरह का हथियार ले जाने की अनुमति नहीं होगी। बयान में कहा गया है कि कांवड़ यात्रा मार्ग पर बड़े संगीत उपकरणों पर कोई प्रतिबंध नहीं होगा, लेकिन ध्वनि निर्धारित कानूनी सीमा के भीतर होनी चाहिए तथा कांवड़ यात्रा की निगरानी सीसीटीवी और ड्रोन से की जाएगी। मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने बताया कि प्रदेश में 22 जुलाई से कांवड़ यात्रा शुरू हो जाएगी। ऐसे में मेरठ में कांवड़ यात्रा समन्वय बैठक में दिल्ली, हरियाणा, उत्तराखंड और राजस्थान के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए। इस दौरान बैठक में मेरठ के सीमावर्ती जनपदों के वरिष्ठ अधिकारी ऑनलाइन जुड़े जबकि रेंज और मंडल के अधिकारी मौजूद रहे।

उन्होंने बताया कि सुरक्षा कारणों से पूरे मार्ग को पांच जोन में बांटा गया है तथा मार्ग में जगह-जगह स्वास्थ्य शिविर और कांवड़ शिविर लगाए जाएंगे, जिनमें श्रद्धालुओं के लिए विश्राम, भोजन और आवास की सुविधा होगी। सिंह ने कहा कि महिलाओं के लिए अलग से शिविर लगाए जाएंगे तथा स्वास्थ्य शिविरों में ‘एंटी वेनम इंजेक्शन’ भी उपलब्ध रहेंगे। उन्होंने कहा कि कांवड़ यात्रियों के लिए सभी जरूरी सुविधाएं सुनिश्चित करने के लिए उप्र और उत्तराखंड में आठ संयुक्त नियंत्रण कक्ष बनाए जाएंगे, जिनका संचालन दोनों राज्यों के अधिकारी करेंगे। पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) प्रशांत कुमार ने बताया कि यात्रा के मद्देनजर यातायात व्यवस्था में बदलाव किए गए हैं। उनके मुताबिक, जिन मार्गों से यात्रा शुरू होगी, वहां भारी वाहनों का प्रवेश प्रतिबंधित रहेगा तथा 21 जुलाई की रात 12 बजे से दिल्ली एक्सप्रेस वे, देहरादून एक्सप्रेसवे और चौधरी चरण सिंह कांवड़ मार्ग पर भारी वाहनों का प्रवेश प्रतिबंधित रहेगा। उन्होंने बताया कि पुलिस यात्रा के दौरान बड़े संगीत उपकरणों पर बजाए जाने वाले गानों और ध्वनि की सीमा को नियंत्रित करेगी।

दिल्ली, हरियाणा, उत्तराखंड और राजस्थान की सीमाओं पर विशेष सुरक्षा उपाय किए जाएंगे, जिसमें श्वान दस्ता, बम निरोधक दस्ते, आईबी, खुफिया और एलआईयू टीमें सक्रिय रहेंगी। कांवड़ मार्ग पर शराब और मीट की दुकानें बंद रहेंगी। किसी भी दुर्घटना को रोकने के लिए बिजली के खंभों को पॉलीथिन से और ट्रांसफार्मरों को जाल से ढका जाएगा। यात्रा मार्ग पर कैंप राजमार्ग और एक्सप्रेसवे से दूर बनाए जाएंगे। डीजीपी कुमार ने यह भी बताया कि दूसरे राज्यों के अधिकारियों को कांवड़ यात्रियों को पहचान पत्र उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए हैं, ताकि किसी भी तरह की समस्या होने पर उनसे संपर्क किया जा सके और उनकी सहायता की जा सके। इससे पहले मेरठ में एक बयान में बताया गया था कि उत्‍तर प्रदेश सरकार आगामी कांवड़ यात्रा पर हेलीकॉप्टर से निगरानी रखेगी और कांवड़ियों पर फूल भी बरसाएगी।

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