बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की प्रमुख मायावती ने शुक्रवार को उत्तराखंड सरकार की देहरादून में मदरसों को सील करने की कार्रवाई की कड़ी आलोचना की और इसे ‘द्वेषपूर्ण’ तथा ‘गैर-धर्मनिरपेक्ष कदम’ करार देते हुए सरकार से धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाले फैसलों से बचने की अपील की। उनकी यह टिप्पणी देहरादून जिले में 15 मदरसों को सील किये जाने के बाद आई है। जिला प्रशासन ने उत्तराखंड मदरसा शिक्षा परिषद से पंजीकरण के बिना चल रहे मदरसों पर कार्रवाई करने का आदेश दिया था। उन्होंने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘सरकार धार्मिक भावनाओं को आहत पहुंचाने वाली ऐसी द्वेषपूर्ण व गैर सेक्युलर कार्रवाईयों से जरूर बचे।’
उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने कांग्रेस नेता उदित राज पर भी निशाना साधा। उन्होंने बिना किसी का नाम लिए सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक अन्य पोस्ट में कहा, ‘बहुजन समाज के हितों के प्रति समर्पित संगठनों ने बसपा और उसकी मजबूत नेतृत्व क्षमता के खिलाफ एक घमंडी और अहंकारी कांग्रेस नेता की निराधार टिप्पणी की निंदा की है। लोगों को ऐसे तत्वों से सावधान रहना चाहिए।’ उदित राज ने बृहस्पतिवार को कहा था कि बसपा से निष्कासित किए गए आकाश आनंद तथा कांशीराम के आंदोलन से जुड़े सभी लोगों को कांग्रेस में शामिल होकर संविधान बचाने की लड़ाई लड़नी चाहिए।
उन्होंने यह दावा भी किया कि आकाश आनंद को दो बार बसपा का राष्ट्रीय समन्वयक बनाना और फिर पार्टी से निकालना इस बात को दर्शाता है कि बसपा का संचालन भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) कर रही है। मायावती ने पार्टी कार्यकर्ताओं से बसपा संस्थापक कांशीराम की जयंती (15 मार्च) को मिशनरी भावना के साथ मनाने की अपील की। उन्होंने कहा, ‘मैं मान्यवर कांशीराम जी की जयंती 15 मार्च को पूर्ण मिशनरी भावना से मनाने की अपील करती हूं। इसी संबंध में मैंने आज सुबह लखनऊ में ‘बहुजन समाज प्रेरणा केंद्र’ और बसपा कार्यालय का दौरा किया।