लोकसभा चुनाव ‘प्रलोभन-मुक्त’ सुनिश्चित करने और सभी राजनीतिक दलों को समान अवसर प्रदान करने के लिए भारत निर्वाचन आयोग ने सभी जिलाधिकारियों और पुलिस अधीक्षकों से पक्षपात करने वाले अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने शनिवार को लखनऊ में पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि सभी राजनीतिक दलों के लिए समान अवसर सुनिश्चित करने और पक्षपात करने वाले अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के लिए सभी जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक को निर्देश जारी किए गए हैं। उन्होंने कहा, सभी जिला चुनाव अधिकारियों को राजनीतिक दलों द्वारा दर्ज की गई शिकायत पर तुरंत कार्रवाई करने के लिए कहा गया है। वर्तमान में, कोई भी शिकायत लंबित नहीं है, और सभी समस्याओं का समाधान संतुष्टि पूर्वक कर दिया गया है।
मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार के साथ चुनाव आयुक्त अरुण गोयल भी मौजूद थे। इस मौके पर उप्र के मुख्य चुनाव अधिकारी नवदीप रिणवा भी मौजूद रहे। मुख्य चुनाव आयुक्त आगामी लोकसभा चुनाव की तैयारियों की समीक्षा के लिए 29 फरवरी से राज्य की राजधानी के तीन दिवसीय दौरे पर थे। मुख्य चुनाव आयुक्त ने अधिकारियों से धोखाधड़ी के मामलों की जांच करने के लिए भी कहा। उन्होंने कहा कि चुनाव प्रक्रिया से संबंधित फर्जी और धोखाधड़ी वाली गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई की जानी चाहिए। कुमार ने कहा, इस बार डाक मतपत्रों की गिनती पहले होगी, ईवीएम की आवाजाही आधिकारिक वाहनों में होनी चाहिए और वाहनों को जीपीएस ट्रैकिंग से लैस किया जाना चाहिए।” उन्होंने यह भी कहा कि चुनाव ड्यूटी पर तैनात मतदाताओं को डाक मतपत्र के जरिये अपना वोट मतदाता सुविधा केंद्र पर डालना चाहिए। कुमार ने कहा, चुनाव पर्यवेक्षकों के नाम और नंबर सार्वजनिक किए जाएं, ताकि सभी तक इसकी पहुंच हो सके। उन्होंने कहा कि फर्जी खबरों से निपटने के लिए जिला स्तर पर एक सोशल मीडिया प्रकोष्ठ बनाया जाएगा।