लखनऊ। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) की तर्ज पर उत्तर प्रदेश राज्य राजधानी क्षेत्र (एससीआर) के गठन के लिए शुक्रवार को आधिकारिक तौर पर अधिसूचना जारी कर दी गयी। इसके क्रियान्वयन के लिए राज्यपाल ने ”उत्तर प्रदेश राज्य राजधानी क्षेत्र विकास प्राधिकरण” की स्थापना को भी मंजूरी दी है। उप्र की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल की मंजूरी के बाद आवास एवं शहरी नियोजन विभाग ने इसके लिए शुक्रवार को अधिसूचना जारी कर दी। अधिसूचना में कहा गया है कि यह घोषणा उत्तर प्रदेश राज्य राजधानी क्षेत्र और अन्य क्षेत्र विकास प्राधिकरण अध्यादेश, 2024 (यूपी अध्यादेश 4 ऑफ 2024) की धारा 3 की उपधारा (1) में निहित शक्तियों के अंतर्गत आती है। नवगठित उत्तर प्रदेश राज्य राजधानी क्षेत्र में राजधानी लखनऊ के साथ-साथ आसपास के जिले हरदोई, सीतापुर, उन्नाव, रायबरेली और बाराबंकी शामिल हैं। अधिसूचना के मुताबिक इसके तहत कुल 27,826 वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल राज्य राजधानी क्षेत्र में शामिल होगा।
इस घोषणा के साथ ही राज्यपाल ने ‘उत्तर प्रदेश राज्य राजधानी क्षेत्र विकास प्राधिकरण” की स्थापना को मंजूरी दी है। यह प्राधिकरण विकास परियोजनाओं के कार्यान्वयन की देखरेख करेगा और नए परिभाषित क्षेत्र के भीतर संसाधनों के प्रभावी प्रबंधन को सुनिश्चित करेगा। ‘उत्तर प्रदेश राज्य राजधानी क्षेत्र विकास प्राधिकरण” का गठन मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में होगा जिसमें राज्य के मुख्य सचिव उपाध्यक्ष और अपर मुख्य सचिव आवास व शहरी नियोजन, लखनऊ व अयोध्या के मंडलायुक्त, संबंधित सभी जिलों के जिलाधिकारी लखनऊ, उन्नाव-शुक्लागंज और रायबरेली विकास प्राधिकरणों के उपाध्यक्ष समेत अन्य कई अधिकारी सदस्य होंगे। उप्र के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वर्ष 2022 के सितंबर माह में इस परियोजना की पहल करते हुए कहा था ”विभिन्न नगरों से लोग यहां आकर अपना स्थायी निवास बनाना चाहते हैं। आस-पास के जिलों में भी जनसंख्या का दबाव बढ़ रहा है और कई बार अनियोजित विकास की शिकायत भी मिलती हैं।” उन्होंने कहा था, ”ऐसे में भविष्य की आवश्यकता को देखते हुए राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र की तर्ज पर ‘उत्तर प्रदेश राज्य राजधानी क्षेत्र’ का गठन किया जाना चाहिए।