यूपी के बरेली जिले की एक अदालत ने पहचान छुपाकर बहुसंख्यक समाज की एक छात्रा से दुष्कर्म करने और उसे धमकाने के आरोपी को दोषी करार देते हुए उम्र कैद की सजा सुनायी है। अदालत ने मुजरिम के पिता को भी उसकी मदद करने के आरोप में दो साल की सजा सुनायी है। अपर जिला शासकीय अधिवक्ता दिगम्बर सिंह पटेल ने मंगलवार को बताया कि बरेली शहर के एक कोचिंग सेंटर में कम्प्यूटर का कोर्स करने वाली एक छात्रा ने वर्ष 2022 में मोहम्मद आलिम (25) नामक युवक पर अपनी पहचान छुपाकर दुष्कर्म करने के आरोप में मुकदमा दर्ज कराया था। छात्रा ने आरोप लगाया था कि आलिम अपना नाम आनंद बताता था और वह कलाई में कलावा बांधकर आता था ताकि किसी को उस पर शक ना हो। पटेल के मुताबिक छात्रा ने आरोप लगाया था कि आलिम ने उससे प्रेम का दिखावा किया और 13 मार्च 2022 को एक मंदिर में मांग भरकर कहा कि वह 10 दिन के अंदर उससे कोर्ट मैरिज कर लेगा। आरोप है कि आलिम ने कमरे में ले जाकर उससे दुष्कर्म किया और घटना का वीडियो बनाया तथा फोटो ले ली।
शिकायत के अनुसार, आरोपी ने वीडियो और फोटो सार्वजनिक करने की धमकी देकर पीड़ित को कई बार सौ फुटा रोड स्थित एक होटल ले जाकर उससे दुष्कर्म किया। जब वह गर्भवती हो गयी तो उससे पीछा छुड़ाने लगा। मई 2022 में उसका जबरन गर्भपात करवा दिया। उन्होंने बताया कि छात्रा का आरोप था कि शक होने पर जब उसने पड़ताल की तो पता चला कि आनंद का असली नाम मोहम्मद आलिम है। उसने यह भी आरोप लगाया कि आलिम के परिजन ने छात्रा का धर्म परिवर्तन करके निकाह कराने की कोशिश की। अपर सत्र न्यायाधीश (फास्ट ट्रैक अदालत—प्रथम) रवि कुमार दिवाकर ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद सोमवार को आलिम को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास और एक लाख रुपये जुर्माने की सजा सुनायी। साथ ही उसके पिता साबिर को इस कृत्य में अपने बेटे की मदद करने का दोषी मानते हुए उन्हें दो साल के सश्रम कारावास की सजा सुनायी।