गोरखपुर पुलिस ने मादक पदार्थ की तस्करी के आरोप में एक पुलिस उप निरीक्षक (दरोगा) और उसके सहयोगी को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने शनिवार को यह जानकारी दी। पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि दरोगा और उसके सहयोगी के कब्जे से 33 किलोग्राम चरस बरामद की गई है। पुलिस अधिकारियों ने शनिवार को कहा कि गिरफ्तार दरोगा को सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है, वहीं इसी मामले में पड़ोसी महाराजगंज जिले के चार पुलिसकर्मियों को अनुशासनहीनता और पद के दुरुपयोग के आरोप में निलंबित कर दिया गया है। पुलिस अधीक्षक (नगर) केके विश्नोई ने बताया कि गोरखपुर के समन प्रकोष्ठ में तैनात लखनऊ निवासी दरोगा रवींद्र शुक्ला और उनके सहयोगी कुलवीर सिंह को बृहस्पतिवार को गिरफ्तार किया गया था। विश्नोई के मुताबिक, आरोपी नेपाल से चरस लाते थे।
उन्होंने बताया कि दरोगा समेत दोनों आरोपियों को गोरखपुर और महराजगंज पुलिस ने एक साझा अभियान में गिरफ्तार कर 33 किलोग्राम चरस की बरामद की। गुप्त सूचना के आधार पर कार्रवाई करते हुए दोनों आरोपियों को उस समय धर्मशाला पुलिस चौकी के पास शाहपुर थाना क्षेत्र में रोका गया, जब वे स्कूटर से असुरन चौक की तरफ जा रहे थे। दोनों आरोपियों के खिलाफ शाहपुर पुलिस ने संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है। गोरखपुर परिक्षेत्र के पुलिस महानिरीक्षक (आईजी) जे रवींद्र गौड़ ने बताया कि दरोगा रवींद्र शुक्ला को सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि शुक्ला को गिरफ्तारी के तुरंत बाद गोरखपुर के एसएसपी ने निलंबित कर दिया था। एसएसपी की रिपोर्ट के आधार पर ही उसकी बर्खास्तगी की गई है। महानिरीक्षक ने इस संबंध में शाहपुर थाने में दर्ज मामले की गहन जांच करने का निर्देश वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) गोरखपुर गौरव ग्रोवर को दिया है।
महराजगंज से मिली खबर के अनुसार, इस बीच, इसी मामले में महराजगंज के पुलिस अधीक्षक (एसपी) डॉ. कौस्तुभ ने शुक्रवार रात अनुशासनहीनता और पद के दुरुपयोग के आरोप में एक उपनिरीक्षक और तीन हेड कांस्टेबल समेत चार पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया। ये सभी पुलिसकर्मी पुलिस की स्वाट टीम में तैनात थे और अपनी जिम्मेदारियों के प्रति लापरवाह पाए गए थे। अधिकारियों ने बताया कि निलंबित पुलिस कर्मियों पर नेपाल से चरस की तस्करी करने वाले दरोगा की मदद करने का आरोप है और गिरफ्तारी के बाद पूछताछ के दौरान रवींद्र शुक्ला ने इन सभी का नाम लिया था। डॉ. कौस्तुभ ने बताया कि स्वाट टीम के उपनिरीक्षक बिपेंद्र मल्ल, हेड कांस्टेबल आशुतोष कुमार सिंह, कृष्ण कुमार सिंह और विद्यासागर को निलंबित कर दिया गया है। इन सभी के खिलाफ विभागीय जांच भी शुरू कर दी गई है।