कानपुर आयुक्तालय (कमिश्नरेट) की कल्याणपुर पुलिस ने मंगलवार को छह छात्रों को गिरफ्तार करके समलैंगिकों को ब्लैकमेल करके जबरन वसूली करने करने वाले एक गिरोह का भंडाफोड़ करने का दावा किया। पुलिस ने बताया कि गिरफ्तार किए गए व्यक्तियों की पहचान दिलीप उर्फ प्रद्युम्न सिंह (21), अरुण राजपूत (22), विपिन सिंह (21), पवन कुमार सिंह (22), प्रवीण सिंह (20) और 19 वर्षीय बृजेंद्र सिंह के रूप में हुई है। पुलिस ने गिरफ्तार आरोपियों के कब्जे से पांच मोबाइल फोन, एक लैपटॉप, विभिन्न बैंकों के नौ एटीएम कार्ड और पुलिस की एक वर्दी भी जब्त की। अपर पुलिस उपायुक्त (पश्चिम) लखन सिंह यादव ने बताया कि गिरफ्तार किए गए लोगों ने एक डेटिंग ऐप पर फर्जी प्रोफाइल बनाकर पीड़ितों को फांसने के लिए उनके साथ दोस्ताना बातचीत की थी।
एडीसीपी ने बताया कि गिरफ्तार किए गए लोगों ने डेटिंग ऐप के जरिए समलैंगिक सदस्यों को निशाना बनाया और जल्द ही उनसे मिलने या ‘डेटिंग’ के लिए संपर्क किया। यादव ने कहा कि आरोपियों ने पीड़ितों को समलैंगिक यौन गतिविधियों में शामिल होने का लालच दिया और उन्हें कुछ स्थानों पर बुलाया। यादव ने बताया कि आरोपियों ने पीड़ितों के आपत्तिजनक स्थिति में वीडियो बना लिया और उन्हें धमकी देकर पैसे, सोने की अंगूठियां और चेन सहित उनका कीमती सामान लूट लिया। यादव ने बताया कि पीड़ितों के पैसे देने से इनकार करने पर गिरोह के सदस्यों ने आपत्तिजनक वीडियो सार्वजनिक करने की धमकी देकर वसूली की।
सिंह ने कहा कि पीड़ितों ने आरोपियों की अवैध मांगों के सामने आत्मसमर्पण कर दिया और आरोपियों ने यूपीआई का उपयोग करके उगाही गई धनराशि अपने खातों में अंतरित कर ली। उन्होंने बताया कि कल्याणपुर थाने में मिली एक शिकायत के बाद मामला दर्ज करके पुलिस ने जांच शुरू की तो इस गिरोह को पकड़ने में मदद मिली। एडीसीपी ने फोन पर बात करते हुए कहा कि पीड़ितों में से एक ने यह शिकायत करते हुए पुलिस से मदद मांगी कि कुछ आरोपियों ने वीडियो बनाकर उसे ब्लैकमेल किया और उक्त वीडियो सोशल मीडिया पर पोस्ट करने की धमकी दी और और पैसे देने को कहा। यादव ने बताया कि इसके बाद, कल्याणपुर पुलिस थाने में मामला दर्ज किया गया और पुलिस जांच शुरू की गई, जिससे पुलिस को गिरोह को पकड़ने में मदद मिली। पुलिस के अनुसार पकड़े गए छात्रों की जांच में पता चला कि अच्छे और संभ्रांत परिवार से ताल्लुख रखने वाले छात्र कानपुर में प्रतियोगी परीक्षाओं, इंजीनियरिंग और मेडिकल की तैयारी करने आए थे, लेकिन अपनी खराब आदतों और महंगे शौक पूरा करने के लिए गिरोह बनाकर डेटिंग ऐप के माध्यम से जबरन वसूली शुरू कर दी।